राज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री के साथ दिव्यांग महागठबंधन की बैठक 24 को

 

दिव्यांग महागठबंधन की ऑनलाइन बैठक में 24 फरवरी को मुख्यमंत्री कार्यालय पर होने वाल आन्दोलन स्थगित

 

14 महीने से ईको गार्डन लखनऊ में लेखपाल मुख्य सेविका अभ्यर्थी कर रहे धरना अनशन

 

 

 

कानपुर, लेखपाल व मुख्य सेविका का अभ्यर्थियों की नौकरी, दिव्यांगजन की नौकरी रोजगार स्वास्थ्य शिक्षा सुरक्षा की सौ फीसदी गारंटी व दिव्यांग पेंशन ₹5000 महीना करने की मांग को लेकर लम्बे समय से चल रहे आंदोलन को सरकार ने संज्ञान में लिया है। महामहिम राज्यपाल ने दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार को दिव्यांगों की मांगों के संबंध में कार्यवाही के लिए अधिकृत किया है। दिव्यांग महागठबंधन के महासचिव वीरेन्द्र कुमार ने महामहिम राज्यपाल से मुलाकात का समय मांगा था और मांगों का ज्ञापन प्रेषित किया था। जिसके परिपेक्ष में राज्यपाल के प्रमुख सचिव द्वारा दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री को ज्ञापन भेज कर कार्यवाही के लिए अधिकृत किया है। 20 फरवरी को ईमेल के द्वारा वीरेन्द्र कुमार को दी गई सूचना में 24 फरवरी की शाम 4:00 बजे विधान भवन में मंत्रीजी बैठक का आयोजन कर मांगों को पुरा करने की पहल करेंगें। ज्ञात हो कि 24 फरवरी को दिव्यांग महागठबंधन ने मुख्यमंत्री कार्यालय लोक भवन पर ताला डालकर अपना विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया था। मंत्री से वार्ता की तिथि आने के बाद दिव्यांग महागठबंधन ने आनलाइन बैठक कर आम सहमति से 24 तारीख के आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया है।

दिव्यांग महागठबंधन के महासचिव वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि हमारा सरकार से कोई झगड़ा नहीं है हम केवल दिव्यांगजनों की मांगों को पूरा करवा कर उनको समाज की मुख्य धारा से जोड़ना चाहते हैं। सरकार लेखपाल, मुख्य सेविका अभ्यर्थियों के दिव्यांगजनों को नौकरी व अन्य दिव्यांगजनों को नौकरी, रोजगार, स्वस्थ शिक्षा सुरक्षा कि सौ फीसदी गारंटी देने की व्यवस्था करें। जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक सरकार के खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

आज की बैठक में दिव्यांग महागठबंधन के महासचिव वीरेन्द्र कुमार, अध्यक्ष मनीष प्रसाद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मेंद्र यादव, कोषाध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा, प्रवक्ता आनन्द तिवारी, तन्मय श्रीवास्तव , राहुल कुमार, कृष्ण कुमार सिंह, नीतू गौतम, गीता राय, पवन यादव , राजकुमार यादव, मुकेश भारतीय आदि शामिल थे ।

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