आई०टी०सी०क्लेम को आई०टी०सी०लेजर में ब्लाक/अनब्लाक किये जाने के प्राविधानो पर टैक्स गोष्टी
कानपुर, टैक्स बार एसोसिएशन, लखनपुर स्थित संघ कक्ष में संघ के वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश प्रकाश की अध्यक्षता में नियम-86 पर टैक्स गोश्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यवक्ता हरीओम पोरवाल, एडवोकेट द्वारा बताया गया कि सरकार द्वारा दिनांक 26.12.2019 से कपटपूर्वक एवं गलत तरीके से आई०टी०सी० क्लेम को रोकने के लिये नियम-86। के प्राविधान लाये गये है और अपने अधीनस्थ अधिकारियों को कपटपूर्वक या गलत ढंग से क्लेम की गयी आई०टी०सी० क्लेम को क्रेडिट लेजर में ब्लाक एवं अनब्लाक करने की शक्ति नियमावली द्वारा प्रदान की गयी है उच्च न्यायालयों द्वारा प्रापर अधिकारी को नैसर्गिक न्याय के मूल भूत सिद्वान्तो का अनुपालन करने एवं नेगेटिव आई०टी०सी० को ब्लाक न करने के आदेष/निर्देष दिये गये है। उच्च न्यायालय के आदेषो के उपरान्त शासन द्वारा भी परिपन के माध्यम से नियम-86। की प्रक्रिया के अनुपालन के निर्देष अधीनस्थ अधिकारियो को जारी किये गये है।नियम-86 के सम्बध में सरकार द्वारा रू-50 लाख तक की करयोग्य सप्लाई पर जी०एस०टी०कर की धनराषि का 99 प्रतिषत भाग क्रेडिट लेजर से एवं 01 प्रतिषत भाग कैश लेजर से भुगतान करने का नियम नियमावली में दिनांक 01.01.2021 से प्रभावी किया गया है। 01 प्रतिषत की दर से कर के भुगतान की गणना प्रत्येक माह के अनुसार की जायेगी। रू 50 लाख की सप्लाई में करमुक्त एवं एक्सपोर्ट सप्लाई की धनराषि कों गणना से निकाल दिया जायेगा । नियम-86 के अन्तर्गत सरकार द्वारा विगत दो वर्षों से रू 1,0 लाख आयकरदाता, रू एक लाख से अधिक एक्सपोर्ट या इनवर्टेड डयूटी रिफण्ड प्राप्त करने वाले व्यापारियों, कैश लेजर से 01 प्रतिषत से अधिक धनराषि जमा करने वाले व्यापारियो एवं लोकल अर्थारिटी गर्वमेन्ट डिपार्टमेन्ट,स्टेट्टयटर एवं पब्लिक सेक्टर अन्डरटेकिग को छूट प्रदान की गयी है। नियम-86ठ का अनुपालन न करने पर कम से कम रु 10,000 एवं अधिक से अधिक कर की धनराषि के बराबर अर्थदण्ड आरोपित करने का अधिकार अधिनियम की धारा-122 के अन्तर्गत प्रापर अधिकारी को प्रदान किया गया है।गोष्टी का संचालन महामंत्री अमित षुक्ला, एडवोकेट द्वारा किया गया, एवं आभार उपाध्यक्ष श्री श्याम धवन एडवोकेट द्वारा किया गया। मीटिंग में मुख्य रूप से वी के निगम, संजय गुप्ता, के एल दीक्षित,हरिओम प्रजापति, विनोद द्विवेदी, मो गुफरान, मोहम्मद इकलाख, अशोक सक्सेना, चंद्रमणि, संग्राम सिंह, आदि बड़ी संख्या में सम्मानित अधिवक्ता उपस्थित थे।