कानपुर
बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क के बैनर तले बोध महाविहार मुक्ति आंदोलन के तहत एक देशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत की गई है। इसके तहत महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें चेतावनी दी गई कि यदि सरकार समय रहते कदम नहीं उठाती है, तो हजारों लोग आंदोलन में भाग लेने के लिए मजबूर होंगे।
ज्ञापन में यह कहा गया कि महाबोधी टेंपल एक्ट 1949 बौद्धों द्वारा नहीं, बल्कि ब्राह्मणों द्वारा अपने वर्चस्व को स्थापित करने के लिए बनवाया गया था। इस एक्ट के माध्यम से ब्राह्मणों ने महाबोधी महाविहार पर नाजायज कब्जा कर लिया है, और यह अंतरराष्ट्रीय धरोहर कानून का उल्लंघन भी करता है। ज्ञापन में मांग की गई कि महाबोधी टेंपल एक्ट को रद्द किया जाए और इसके स्थान पर एक नया एक्ट लागू किया जाए, जिसमें महाबोधी महाविहार के सभी पदाधिकारी बौद्ध समुदाय से होने चाहिए।
ज्ञापन देने आए लोगों का यह भी कहना था कि जैसे मंदिरों में ब्राह्मण और मस्जिदों में मौलाना होते हैं, उसी तरह महाबोधी टेंपल में बौद्धों को पदाधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए। अगर इन मांगों को नहीं माना गया तो आंदोलन के विभिन्न चरण शुरू किए जाएंगे। पहले चरण में राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया, दूसरे चरण में जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा, तीसरे चरण में रैलियां आयोजित की जाएंगी, चौथे चरण में देशव्यापी जेल भरो आंदोलन किया जाएगा, और पांचवें चरण में 1 जुलाई को भारत बंद का आह्वान किया जाएगा।
साथ ही, पायलट पेपर से मतदान की मांग की गई और ईवीएम मशीन से चुनाव कराए जाने की बात का विरोध किया गया।