कानपुर के हरबंश मोहाल निवासी विनोद दीक्षित का छोटा भाई दुर्गेश दीक्षित अपने रिश्तेदार के यहां विजय नगर कॉलोनी में ज्यादातर रहा करता था. वर्ष 2009 में दुर्गेश का झगड़ा स्थानीय युवकों से हो गया, जिसके बाद उसके ऊपर मारपीट, धमकी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया.विनोद के मुताबिक, उनका भाई दुर्गेश शराब का ज्यादा सेवन करता था, जिसकी वजह से उसका लिवर खराब हो गया. उसका काफी इलाज कराया गया, लेकिन वर्ष 2015 में अस्पताल में इलाज के दौरान दुर्गेश की मृत्यु हो गई. दुर्गेश अकेला था और रिश्तेदार के साथ रहता था, इसलिए परिजनों ने उसका मृत्यु प्रमाणपत्र भी नहीं बनवाया.विनोद ने बताया कि कुछ दिनों पहले पुलिस उनके भाई को ढूंढते हुए उसी रिश्तेदार के यहां पहुंची. वहां पर पुलिस को बताया गया कि दुर्गेश की मौत दस साल पहले हो चुकी . पुलिस ने मृत्यु प्रमाणपत्र मांगा तो रिश्तेदारों ने प्रमाणपत्र ना बनवाने की बात कही, जिसके बाद पुलिस ने वारंट थमा दिया. वारंट के अनुसार, दुर्गेश को 19 मार्च को कोर्ट में तलब किया गया है.विनोद का पूरा परिवार अब परेशान है. उनके अनुसार दुर्गेश अकेला था और घर में आता भी नहीं था. इसलिए उस समय मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं बनवाया, सिर्फ श्मशान घाट की पर्ची है. वहीं पुलिस लगातार चेतावनी दे रही है कि तारीख पर दुर्गेश को हाजिर कर दे।

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