कानपुर नगर 05 मार्च, 2025

 

ऐसी दुर्घटना, जिसमें स्वयं व उनके परिजनों की किसी अज्ञात वाहन की टक्कर से घायल अथवा मृत्यु हो जाती है और दुर्घटना करने वाले का नाम और गाड़ी का नंबर इत्यादि पता नहीं चल पाता हैl ऐसी दशा में पीड़ित व्यक्ति को बीमा कंपनी भी अज्ञात होने के कारण क्लेम देने से मना कर देती हैl पुलिस विवेचना में भी दुर्घटना करने वाले का नाम या गाड़ी नंबर मालूम नहीं हो पाता हैl मोटे तौर पर हिट ऐंड रन का मतलब है, किसी दुर्घटना के बाद वाहन चालक की ओर से सूचना दिए बिना या मदद किए बिना मौके से भाग जानाl या दुर्घटना जानबूझकर अथवा अनजाने में हो सकती है l ऐसे पीड़ित लोगों को सरकार मुआवजा दे रही हैl

 

*क्या है हिट एंड रन से सुरक्षा क़ानून*

 

यह योजना 1 अप्रैल 2022 से लागू की गईl इसके अंतर्गत दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल को ₹50000 मृत्यु की दशा में उनके परिजनों को ₹2 लाख तक का मुआवजा सरकार द्वारा दिया जाता हैl

 

इस संबंध में जिलाधिकारी श्री जितेंद्र प्रताप सिंह द्वारा अवगत कराया गया कि हिट एंड रन कानून के तहत जनपद कानपुर नगर में 400 लोग हताहत हुए हैं, ऐसे में गठित कमेटी द्वारा हिट एंड रन कानून के तहत 400 में से 70 केस अनुमोदन की स्थिति में है शेष को लाभान्वित करने हेतु प्रक्रियाधीन है l उन हताहत लोगों को तहसील व परिवहन विभाग द्वारा चिन्हित करते हुए उनके दावा को स्वीकार करके बीमा कंपनी को भेजा जाएगाl जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिले में हिट एंड रन केस से संबंधित कमेटी गठित है, जिसे सक्रिय किया गया हैl उल्लेखनीय है कि उक्त कमेटी में जिलाधिकारी के अलावा बीमा कंपनी के सदस्य व अन्य अधिकारी शामिल हैं l

 

*ऐसे करें आवेदन*

जिलाधिकारी ने आम जनमानस से अपील करते हुए कहा कि यदि उनके किसी परिजन का हिट एंड रन केस में दुर्घटना ग्रस्त अथवा मृत्यु हो गई है, तो वह संबंधित तहसील में तहसीलदार या उप जिलाधिकारी के साथ-साथ एआरटीओ ऑफिस में संपर्क करके फॉर्म वन भरकर योजना का लाभ ले सकते हैंl इसके उपरांत फार्म दो और तीन भी सरल प्रक्रिया के तहत भरवाया जाता हैl

यह एक अपराध है और इसके लिए सज़ा और जुर्माना हो सकता हैl

 

*ये है सजा का प्रावधान*

भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 में हिट ऐंड रन का प्रावधान हैl मोटर वाहन अधिनियम की धारा 161 में हिट ऐंड रन मोटर दुर्घटना की परिभाषा दी गई है.नए हिट एंड रन कानून में धारा 106(2) के तहत किसी व्यक्ति या वाहन को टक्कर मारने के बाद भागने वाले चालकों के लिए सजा और जुर्माने के रूप में 10 साल की जेल की अवधि निर्धारित की गई है। धारा 106 (1) के तहत, यह उन ड्राइवरों के लिए 5 साल की छोटी जेल अवधि निर्धारित करता है जो निकटतम पुलिस स्टेशन में दुर्घटना की रिपोर्ट करते हैं।

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