होली के बाजार पर छाया खुमार, ‘पुष्पा’ की कुल्हाड़ी, ‘बाहुबली’ की तलवार से बरसेगी रंगों की फुहार
कानपुर होली के उल्लास के साथ बाजार भी गुलजार है. इस बार बाजार में रंगों की फुहार बरसाने वाली पिचकारियां नए ही रूप में सामने आई हैं. पिचाकारियों की नई रेंज पर फिल्मों का असर साफ देखा जा रहा है. बाजार में ‘बाहुबली’ की तलवार, ‘पुष्पा’ की कुल्हाड़ी के साथ हथौड़ा, क्रिकेट बैट, हैंड ग्रेनेड के मॉडल भी पिचकारी के रूप में लोगों को लुभा रहे हैं. इसके साथ ही चांदी की पिचकारी, म्यूजिक पिचकारी, लाइट म्यूजिक पिचकारी, गन पिचकारी भी है. फिर फ्लेवर वाली गुझिया से लेकर शुगर फ्री गुझिया भी खानपान के शौकीनों के लिए है. तमाम बाजारों में हथोड़े वाली पिचकारी आकर्षण का केंद्र बनी है. वहीं डॉल्फिन के मॉडल वाली पिचकारी भी लुभा रही है. दुकानदार मनीष बताते हैं कि आम आम दिनों में वह पूजा सामग्री की बिक्री करते हैं लेकिन अभी रंग-गुलाल और पिचकारी बेच रहे हैं. इसमें अच्छा मुनाफा भी हो रहा है. बताते हैं कि हथौड़े वाली पिचकारी खूब पसंद की जा रही है. इसके अलावा क्रिकेट बैट, अंतरिक्ष यान समेत डॉल्फिन वाली पिचकारी भी लोग खरीद रहे हैं. वहीं म्यूजिक पिचकारी के अलावा हॉर्न पिचकारी भी बच्चों को लुभा रही है. मनीष बताते हैं कि रंग-गुलाल की अलग-अलग वैरायटी है, लेकिन अबकी बार लोग ऑर्गेनिक ग़ुलाल और ऑर्गेनिक कलर्स को ज्यादा पसंद कर रहे हैं. बाजार में बच्चों के लिए पिचकारी लेने पहुंचे मयंक अग्रवाल बताते हैं कि उन्होंने बेटे के लिए हथौड़ा पिचकारी ली है. कैंट क्षेत्र में दूकानदार पिंटू साहू कहते हैं कि बिक्री के कारण तलवार वाली पिचकारी की शॉर्टेज हो गई थी, दोबारा माल मंगाया है.कानपुर में अलग-अलग फ्लेवर वाली गुझिया खूब पसंद की जा रही हैं. मधुमेह रोगियों को ध्यान में रखकर भी बाजार में खास गुझिया उपलब्ध हैं. इसके साथ ही सोने और चांदी के वर्क लगी गुझिया लोगों को लुभा रही हैं. मिठाई विक्रेताओं ने कई प्रयोग किए हैं. फ्लेवर वाली गुझिया भी इस बार मार्केट में है. इसके साथ मधुमेह के रोगियों के लिए ख़ास गुझिया उपलब्ध है. मिठाई दुकानदार प्रभात गुप्ता बताते हैं कि शुद्ध देशी घी की गुझिया अधिक पसंद की जाती है. वहीं, ड्राई फ्रूट गुझिया को खास तरह से बनाया जा रहा है. शुगर रोगियों के लिए भी गुझिया की कई रेंज हैं. जबकि औषधीय गुण से भरपूर मठरी भी कई रेंज में हैं. बड़े बाजार में मिष्ठान भंडार चलाने वाले प्रतीक बताते हैं कि लगभग 8 फ्लेवर में उनके यहां गुझिया तैयार की जाती हैं. काफी ऑर्डर हैं, अतिरिक्त कारीगर लगाए हैं.