यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के आवाहन पर अखिल भारतीय 24 एवं 25 मार्च की आगामी हड़ताल एवं आंदोलन की रूपरेखा

 

के अनुसार यू एफ बी यू के घटकों द्वारा कानपुर के सभी बैंकों के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों पर बैंकवार यूनाइटेड फोरम द्वारा प्रदर्शन

 

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर अखिल भारतीय हड़ताल की घोषणा के चलते कानपुर में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के सभी घटकों द्वारा संयोजक कॉम रजनीश गुप्ता के नेतृत्व में सैकड़ों बैंक कर्मचारियों एवं अधिकारियों द्वारा संयुक्त प्रदर्शन कानपुर के सभी बैंकवार क्षेत्रीय कार्यालयों मुख्यतः बैंक ऑफ बड़ौदा (गुमटी), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (माल रोड), बैंक ऑफ इंडिया (किदवई नगर), इंडियन बैंक (बड़ा चौराहा), केनरा बैंक (विकास नगर), यूनियन बैंक (पांडु नगर), यूको बैंक (हालसी रोड), पंजाब नेशनल बैंक (बिरहाना रोड), सेंट्रल बैंक (पांडु नगर), पंजाब एण्ड सिंध बैंक (ने मुख्य शाखा गुमटी) के क्षेत्रीय कार्यालयों पर प्रदर्शन का आवाहन किया गया जहां आल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडरेशन से सह संयोजक प्रवीण मिश्रा यूनियन बैंक में आल इंडिया बैंक एम्प्लॉईस एसोसिएशन से मनोज तिवारी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में एवं अंकुर ‌द्विवेदी केनरा बैंक में नेशनल कनफेडरेशन ऑफ बैंक एम्प्लॉईस के अजय पांडे एवं जय प्रकाश मिश्रा स्टेट बैंक में आल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन से स्वप्निल त्रिपाठी, बैंक एम्प्लॉईस फेडरैशन ऑफ इंडिया, इंडियन नैशनल बैंक एम्प्लॉईस कॉग्रेस इंडियन नैशनल बैंक ऑफिसर्स काँग्रेस से विनय गोएनका नेशनल ऑर्गनाईजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स से अर्जुन शुक्ला पंजाब नेशनल बैंक में एवं नेशनल ऑर्गनाईजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स के अंकित अवस्थी बैंक ऑफ इंडिया में प्रदर्शन में शामिल हुए । इस प्रदर्शन को कर्मचारी कल्याण समन्वय समिति के कार्यकारी अध्यक्ष का0 राघवेंद्र सिंह के साथ महामंत्री शरद प्रकाश अग्रवाल ने भी अपना समर्थन दिया है।

 

यू एफ बी यू के संयोजक रजनीश गुप्ता ने बताया कि भारतीय सार्वजनिक बैंक की बैंकिंग प्रणाली देश के वितीय बुनियादी ढांचे की रीढ़ है जो सरकारी योजनाओं, वित्तीय सेवा कार्यक्रमों और समावेशी आर्थिक विकास के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करती हैं साथ ही बड़ी संख्या में ग्राहकों, खाताधारकों और आम बैंकिंग जनमानस को सेवा प्रदान करती है जिसे और शशक्त बनाने की जरूरत है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कुल बाजार हिस्सेदारी 60% से अधिक है देशभर में इनकी लगभग 90000 शाखाएं हैं हालांकि पिछले कुछ वर्षों में लगातार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कर्मचारियों की संख्या में काफी कमी आई है, जिससे एक अस्थिर कार्य वातावरण बना है पिछले एक दशक से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कर्मचारियों की संख्या में सेवानिवृत्ति, स्वेक्षिक निकासी, अपर्याप्त भर्तियों के कारण लगातार कार्य का बोझ बढ़ने के एवज में दबाव बढ़ रहा है। दूसरी तरफ बैंकों में किसी भी संवर्ग में पर्याप्त भर्ती नहीं हो रही है जहां सार्वजनिक बैंकों में 2014 में 842813 कर्मचारी अधिकारी थे वहाँ आज 746000 संख्या है जब की व्यवसाय कई गुना बढ़ चुका है हजारों नई शाखाएं खुल चुकी हैं दूसरी तरफ जहां प्राइवेट बैंकों में 303000 कर्मचारी अधिकारी थे वहाँ आज 847000 संख्या है जो कार्यबल आवंटन में असमानता को उजागर करता है हड़ताल की मुख्य मांगो में सभी संवर्गों में पर्याप्त भर्ती, 5 दिवसीय कार्य सप्ताह, अधिकारियों कर्मचारियों की कार्यक्षेत्र पर सुरक्षा सुरक्षा, कर्मचारी अधिकारी निदेशकों के पदों की भर्ती, साथ ही स्थाई नौकारियों में ठेका प्रथा को खत्म करना, न्यूनतम वेतन लागू हो, ग्रेज्युटी की सीमा सरकारी तंत्र के बराबर 25 लाख हो कर्मचारी कल्याणमुख लाभों को अनुलभ और परिणामी कर के दायरे से छूट, पुरानी पेंशन योजना, मौजूद पेंशन भोगियों के लिए पेंशन का अध्यतनीकरण सहित विभिन्न लंबित मांगों को लेकर हम आंदोलन को को आगे ले जा रहे हैं और दो दिवसीय हड़ताल की ओर कर्मचारी अधिकारी एकजुटता के साथ अग्रसर हैं।

 

यू एफ बी यू के सहसंयोजक प्रवीण मिश्रा ने बताया कि आगामी 24 एवं 25 मार्च 2025 की हड़ताल के आंदोलन की रूपरेखा में यू एफ बी यू ने 3 मार्च का संसद धरना भी सुनिश्चित किया था जहां कानपुर से भी विभिन्न घटकों के साथियों ने धरने में भाग लिया धरना पूर्णतः सफल रहा और यू एफ बी यू के घटकों ने डी एफ एस को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपा शाखाओं में कर्मचारियों अधिकारियों की भारी कमी के चलते ग्राहक सेवा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है कर्मचारियों अधिकारियों पर कार्य क्षेत्र पर कई उनके साथ मारपीट दुर्व्यवहार की घटनाएं देखने को मिल रही हैं सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से देखा जाए तो आज ज्यादातर शाखाओं में सुरक्षा गार्ड तक मौजूद नहीं है परफोर्मेंस लिंक इन्सैनटिव जिसका वेतन समझौते

 

के दौरान प्रारूप बनाया गया था आज वह उच्च अधिकारियों के लिए नई प्रणाली के तहत प्रदान करने की कोशिश की जा रही है जिसमें अधिकारी संवर्ग को आपस में बांटने की कोशिश की जा रही है जिसका हम विरोध करते हैं। आईडीबीआई बैंक मै मिनिमम 51% शेयर पूंजी बनाए रखना एवं कर्मचारियों अधिकारियों को रियायती दरों पर दिए जाने वाले कर्मचारी कल्याण लाभों पर आयकर की वसूली न करें प्रबंधन इसका भार उठाए ये हमारी मुख्य मांगे हैं।

 

नेशनल कनफेडरेशन ऑफ बैंक एम्प्लॉईस के अजय पांडे ने बताया कि हैं आईडीबीआई बैंक में मिनिमम 51% शेयर पूंजी बनाए रखना एवं कर्मचारियों अधिकारियों को रियायती दरों पर दिए जाने वाले कर्मचारी कल्याण लाओं पर आयकर की वसूली न करें प्रबंधन इसका भार उठाए कुाड बैंक ने अतिरिक्त भार उठाया है किन्तु हम मांग करते है सभी बैंक इस प्रभार को वहन करें। लगभग सभी बैंक में चतुर्थ श्रेणी के पद रिक्त हैं सालों से उसपर ठेका प्रथा ‌द्वारा बिना किसी न्यूनतम वेतन के एक पूरा वर्ग कार्य करने को मजबूर है निश्चित रूप से ये आगामी हड़ताल आने वाले समय में कर्मचारियों अधिकारियों के लिए नई दिशा तय करेगी।

 

जय प्रकाश मिश्र उपमहामंत्री कानपुर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ एसोसिएशन ने बताया कि फेडरेशन ऑफ बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन ने प्रबंधन पर भर्तियों को प्रारंभ करने हेतु जो बिगुल फूका था आज आंदोलन के चलते वहाँ के प्रबंधन ने भर्तियों की संख्या में 1300 से ज्यादा का इजाफा किया है जो हमारी बड़ी जीत है। आज लगभग सभी बैंकों के अंदर कर्मचारियों अधिकारियों के निदेशक के पद रिक्त पड़े है जिससे पड़े पैमाने पर शीर्ष प्रबंधन द्वारा मनमाना रवैया अपनाया जा रहा है कॉर्परिट घरानों के बड़े बड़े लोन राइट ऑफ किए जा रहे। साथ ही अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने की मांग रखी। साथ ही बताया कि स्टेट बैंक के 7 तों क्षेत्रीय कार्यालयों कानपुर %, उरई, उन्नाव, इटावा, झांसी, हरदोई में भी प्रदर्शन होंगे।

 

आल इंडिया बैंक एम्प्लॉईस एसोसिएशन से कॉम अंकुर द्विवेदी ने विभिन्न घटकों एवं बैंकवार कर्मचारी अधिकारी संगठनों के पदाधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि आज 11/03/2025 को पुनः देशभर के सभी केंद्रों पर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले सभी बैंकों के क्षेत्रीय कार्यालयों पर बैंकवार यू एफ बी यू द्वारा प्रदर्शन किए जा रहे जहां केन्द्रीय कर्मचारियों में ग्रेच्युटी 25 लाख सीमा हो गई है बैंक कर्मचारियों अधिकारियों की भी सीमा को बढ़ाने की हम मांग करते हैं आज लगभग सभी बैंकों के अंदर कर्मचारियों अधिकारियों के निदेशक के पद रिक्त पड़े है जिससे बड़े पैमाने पर शीर्ष प्रबंधन दद्वारा मनमाना रवैया अपनाया जा रहा है कॉर्पोरेट घरानों के बड़े बड़े लोन राइट ऑफ किए जा रहे। साथ ही अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने की मांग रखी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में औसत ग्राहक से कर्मचारी अनुपात 2000:1 तक पहुँच जाता है जो निजी बैंकों में 300:1 के औसत से कहीं ज्यादा है यह असमानता सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मियों पर अत्यधिक कार्य बोझ को डालती है जिसके परिणाम स्वरूप देरी त्रुटियों और ग्राहक सेवा में गिरावट होती है दिनांक 08/03/2024 को हुए ‌द्विपक्षीय समझौते के दौरान हुई सभी वार्ताओं में 5 दिवसीय कार्यप्रणाली की चर्चा होती रही किन्तु अभी तक यह लंबित है जब की 07/12/2023 के यूनियन एसोसिएशन के साझा समझौते में यह स्पष्ट हुआ था कि इंडियन बैंक एसोसिएशन द्वारा 5 कार्यदिवस पर संस्तुति वित्त मंत्रालय को बनाकर भेजी जा चुकी है 26/09/2024 को निर्देश जिसमे 55/57/58 वर्ष की आयु के कर्मियों की कार्यदक्षता की रिपोर्ट का आदेश भेजा गया उसका हम पुरजोर विरोध करते हैं।

 

आल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फीडेरशन से कॉम अंकुर मिश्रा ने बताया कि दिनांक 21/03/2023 को कानपुर में ट्रेड यूनियन की रिवायत के अनुसार शांति पूर्वक रैली का आयोजन इंडियन बैंक अंचल कार्यालय बड़ा चौराहा से पंजाब नेशनल बैंक अंचल कार्यालय बिरहाना रोड तक आयोजित की जाएगी । साथ ही सभी बैंकवार प्रदर्शनकारी साथियों को सफल प्रदर्शन हेतु साधुवाद दिया ।

 

प्रदर्शन के दौरान मनोज तिवारी, अरविन्द द्विवेदी, सारांश श्रीवास्तव, एस के मिश्रा, मनौज कुमार तिवारी, आशीष मिश्रा, एस के शुक्ला राजकुमार, सुनील शुक्ला, अंकुर मिश्रा, पुष्कर मिश्रा, दिनेश चंद्र अंशुमान तिवारी, नितिन शर्मा, शोभित शुक्ला, के एम शुक्ला, लालचंद, रोशुल सचान, शिवम निगम, सचिन कुमार, कमाल कुमार, दीपक बक्शी, दीपू सिंह, अतुल सक्सेना, ईशान द्विवेदी, राजेश श्रीवास्तव, दीपेन्द्र कमल कुमार, बृजेन्द्र पांडे. भानू सेंगर, आशुतोष दीक्षित, जी आर तिवारी, मोहित केसरवानी, पंकज शर्मा, संदीप

[ सक्सेना, सतेन्द्र सक्सेना, अनुराग सिंह, शालिनी अवस्थी, दीपक बक्शी, संतोष तोमर, मुदित, सतीश, मोह हसीन, राजेश गुप्ता, आकाश, मोहित केसरवानी, अशोक गौतम, सतेन्द्र त्रिपाठी, शिवम बाजपेई, चंदरेश सोनकर, रवि कुमार, शिवांगी द्विवेदी अरविन्द शुक्ला, पंकज शर्मा, श्रवण पांडे, सुधीर यादव, आर के मिश्रा, जी आर तिवारी, अनंत पांडे, विपुल तिवारी, सतीश कुमार, सतेन्द्र त्रिपाठी, प्रतीक तिवारी, धर्मेन्द्र सिंह, सतेन्द्र सक्सेना ने अपने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों पर वक्तव्य दिया ।

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