मिलजुलकर मनाएं होली और रमजान, सबसे पहले हिंदुस्तान:सूफी कौसर मजीदी।

 

कानपुर। होली और रमजान भारत के दो प्रमुख धर्मावलंबियों हिंदू और मुसलमानों के लिए बड़ी अहमियत रखते हैं,इस वर्ष रमजान महीने का जुमा और होली एक दिन पड़ रहे हैं,जिसके चलते विभिन्न बयानों की वजह से,तमाम आशंकाएं जताई जा रही हैं,जिसके चलते सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन द्वारा सभी देशवासियों के नाम एक अपील जारी करते हुए,लोगों से शांति और सौहार्द के साथ होली और रमजान मनाने की अपील की गई है,इस संबंध में केंद्रीय कार्यालय कानपुर नगर से बयान जारी करते हुए सूफी खानकाह एसोसिएशन राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी ने कहा कि,हिन्दुस्तान मुख्तलिफ मज़ाहिब का मुल्क है,अनेकता में एकता हमारी सदियों पुरानी विरासत है,गंगा जमुनी तहजीब पर मुनहसिर हमारी एक हज़ार बरस पुरानी तहज़ीब सारी दुनिया को मोहब्बत का पैगाम देती है, उन्होंने कहा कि कदीम हिन्दुस्तान की शकाफती विरसे में हमें मुख्तलिफ रस्मो रिवायत मिलती हैं,एक तरफ जहां हिंदू कवियों और लेखकों ने ईद और हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की विलादत के नगमे गाए हैं,तो मोहर्रम में शिद्दत के साथ ग़मे हुसैन मनाया है,तो वहीं दूसरी तरफ अब्दुल रहीम खानखाना,रसखान और नज़ीर अकबराबादी जैसे शायरों ने हिन्दुस्तानी शकाफती त्यौहार होली और दीवाली पर बेशुमार शायरी की है।

उन्होंने कहा कि हाल के दौर में जम्मू कश्मीर में बर्फबारी या प्रयागराज के कुंभ मेले में हिंदू जायरीन के लिए मुसलमानों ने मस्जिदों,मदरसों,दरगाहों, खानकाहों और इमाम बारगाहों के दरवाजे खोल दिए तो वहीं केरल के मंदिर में मुसलमानों को रोज़ा इफ्तार करवाना,और लखनऊ की होली की अंजुमनों के जरिए अपने निर्धारित वक्त से डेढ़ घंटे पहले होली के जुलूस को खत्म करने का फैसला हमारी सांझी संस्कृति की विरासत के बेहतरीन नमूने हैं।

उन्होंने कहा कि इस बार रमज़ान उल मुबारक के महीने में जुमा के रोज़ होली का दिन है,मुख्तलिफ मकामात से मुख्तलिफ तरह के बयानात माहौल में कशीदगी पैदा करने वाले हैं, जिसके चलते हर अमन पसंद शहरी को अपने अपने एतबार से अमन चैन के इकदाम करने की जरूरत है, उन्होंने कहा कि ये बात वाज़े है कि अमूमन दिन में दो बजे तक होली मनाने वाले हिंदुस्तानी शहरी होली खेलते हैं,ऐसी सूरत में यह जरूरी है कि कुछ ऐसे रास्ते इख्तियार किए जाएं जिनसे दोनों फ़रीक़ अपनी अपनी रस्मों की अदायगी कर सकें।

उन्होंने कहा कि सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन तमाम आइम्मा ए मसाजिद और मसाजिद इंतजामिया से अपील करता है कि जिन जिन मकामात पर मिली जुली आबादी है उन मकामात पर वक्त नमाज़ जुमा में तब्दीली करके अमन ओ अमान का रास्ता निकाला जा सकता है, उन्होंने कहा कि उसी तरह हम होली मनाने वाले अपने दूसरे हिन्दुस्तानी भाइयों से अपील करते हैं कि वो होली खेलने के वक्त में कुछ कमी करके बेहतरीन नज़ीर कायम कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हम सब हिन्दुस्तानी हैं और हम सबका मकसद अपने वतन भारत को बुलंदियों पर ले जाना होना चाहिए, लिहाज़ा मुल्क के मफ़ाद में इस अपील पर तवज्जो फरमाई जाए।

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