*विलादत इमाम हसन पर सामाजिक कार्यों से जुड़ने का संदेश दिया।*

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कानपुर 16 मार्च, खानकाहे हुसैनी हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह (रह०अलै०) की दरगाह कर्नलगंज में पैगम्बर ए इस्लाम के नवासे शहज़ाद ए हज़रत मौला अली हज़रत इमाम हसन (रजि०अन०) की विलादत पर नज़र हुई और सामाजिक कार्यो से जुड़ने व सामाजिक बुराईयों को दूर करने का संदेश दिया गया।

ज़ोहर की नमाज़ के बाद विलादत ए इमाम हसन का आगाज़ कुरान ए पाक की तिलावत के साथ किया गया शोरा ए कराम ने नात मनकबत पेश की जिसमें “मेरे मौला हसन की खुसबू से गुलसितानों में फूल खिलते है या हसन या हसन जो कहते है उनसे आकर रसूल मिलते है, जब हसन लिखता हूं तो आती है मुझको आवाज़ ये मदीने से, हुस्न बा छा गया ज़माने को इसकी नालायन के पसीने से, खादिम खानकाहे हुसैनी इखलाक अहमद चिश्ती ने हज़रत इमाम हसन की विलादत की मुबारकबाद देते हुए कहा कि हज़रत इमाम हसन की विलादत मदीना मुनव्वरा मे रमज़ानुल मुबारक के महीने में 15 रमज़ान 3 हिज़री मे हुई हज़रत इमाम हसन जन्नत के नौजवानों के सरदार है उनकी शान मे दलील एक ही काफी उनकी अज़मत की उन्हें हुसैन भी अपना इमाम कहते है, हज़रत इमाम हसन की सखावत पूरी दुनिया मे एक मिसाल है नौजवानों को उनके नक्शें कदम पर चलना चाहिए रमज़ानुल मुबारक माह मे कसरत से इबादत कर नेकियों में इज़ाफ़ा करे। रसूल ए खुदा अपने नवासों हज़रत इमाम हसन और इमाम हुसैन से बहुत मोहब्बत करते थे हमे भी अहले बैत से मोहब्बत करने के साथ उनके बताए हुए रास्तों पर चलना चाहिए अहले बैत से मोहब्बत व उनका ज़िक्र करना भी इबादत है। रमज़ानुल मुबारक माह में अपने गुनाहों की माफी मांगे, जिस तरह आज का नौजवान सोशल मीडिया पर अपना बहुत वक्त देता हैं सोशल कार्यों के लिए भी कुछ समय निकाले, सामाजिक बुराईयों से बचने के संदेश की शुरुआत अपने घर-परिवार से करें। उसके बाद हज़रत इमाम हसन की नज़र हुई मज़ार की गुलपोशी इत्र सलातो सलाम पेशकर दुआ हुई।

दुआ में अल्लाह की बारगाह मे रसूले खुदा, विलादते इमाम हसन के सदके रमज़ानुल मुबारक के पाक महीने की बरकत से हम सबके गुनाहों की माफी देने, नमाज़ की 12 महीने पाबंदी करने, मजलूमों की मदद करने, मुल्क सूबे शहर मे अमनों अमान कायम रख, खुशहाली देने की दुआ गिड़गिड़ा-गिड़गिड़ा कर की।

नज़र व दुआ मे इखलाक अहमद चिश्ती, नईमुद्दीन खान, अफज़ाल अहमद, हाजी गौस रब्बानी, परवेज़ आलम वारसी, मोहम्मद हफीज़, अबरार अहमद वारसी, शमशुद्दीन खान, एजाज रशीद, मोहम्मद जावेद कादरी, मोहम्मद शाहिद चिश्ती, मोहम्मद तौफीक, मोहम्मद वसीम, जमालुद्दीन फारुकी,आदि लोग मौजूद थे।

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