माल हराम से सहरी किया तो रोज़ा हो गया मगर गुनाह के सबब रोज़ा की नूरानियत में फर्क जरूर पड़ा।
कानपुर 16/मार्च ,माल हराम से सहरी किया तो रोज़ा हो गया मगर गुनाह के सबब रोज़ा की नूरानियत में फर्क जरूर पड़ा।
सवाल: कान में तीली डाला और उसके साथ मैल निकला फिर मैल वाली तीली कान में डालता रहा तो रोज़ा टूटा या नहीं?
जवाब: मैल लगी हुई तीली दोबारा सह-बारह कान में डाला तो रोज़ा न टूटेगा।
सवाल: हराम माल के ज़रिए सहरी किया और रोज़ा रखा तो रोज़ा हुआ या नहीं?
जवाब: रोज़ा हो गया। सुबह से शाम तक तीन चीजों (खाना, पीना और हमबिस्तरी) से रुक जाना शरीअत में रोज़ा कहलाता है, सहरी या इफ्तार न रोज़े की हक़ीक़त में दाखिल और न ही इसके शराइत से है। अलबत्ता हराम माल खाने का गुनाह हुआ और गुनाह के सबब रोज़े की नूरानियत में फर्क पड़ेगा।सवाल: क्या हाफ़िज़ को तरावीह में खत्मे क़ुरआन के लिए रोज़ा छोड़ना जाइज़ है?
जवाब: हरगिज़ नहीं। तरावीह में खत्मे क़ुरआन सुन्नत है, और रोज़ा रखना फ़र्ज़ है। सुन्नत और फ़र्ज़ में जो फर्क है वह निहायत ही ज़ाहिर है। अदा-ए-सुन्नत की खातिर फ़र्ज़ का छोड़ना अक़्ल व शरअ से मावरा है। ऐसा न सोचेगा मगर कम एतक़ाद।सवाल: रोज़े की हालत में एहतलाम हो गया तो क्या हुक्म है?
जवाब: रोज़े की हालत में एहतलाम हो गया तो रोज़े में कोई खलल न आया।माहे स्याम हेल्प लाइन में मुफ्ती हज़रात व उलमा ए अहले सुन्नत के व्हाट्सअप व कॉन्टेक्ट नंबर्स
मुफ्ती मोहम्मद इलियास खां नूरी (मुफ्ती आजम कानपुर) 9935366726
मुफ्ती मोहम्मद हाशिम अशरफी 9415064822
मुफ्ती मोहम्मद महताब आलम कादरी मिस्बाही 9044890301
मौलाना फतेह मोहम्मद कादरी 9918332871
मुफ्ती महमूद हस्सान अख्तर अलीमी 9161779931
मौलाना कासिम अशरफी मिस्बाही (ऑफिस इंचार्ज) 8052277015
मौलाना गुलाम हसन क़ादरी 7897581967
मुफ्ती गुल मोहम्मद जामई अशरफी 8127135701
मौलाना सुफियान अहमद मिस्बाही 9519904761
हाफिज़ मोहम्मद अरशद अली अशरफी 8896406786
जनाब इकबाल अहमद नूरी 8795819161