जिलाधिकारी तक को गच्चा दे रहे अफसर, मुंह पर बोल रहे झूठ

 

 

होली की छुट्टियां भले ही खत्म हो गई हों लेकिन शिक्षा विभाग के अफसरों और कर्मचारियों की खुमारी अभी तक नहीं उतरी है। यही वजह रही कि सोमवार की सुबह डीएम साहब जब संयुक्त शिक्षा निदेशक और डीआईओएस कार्यालय पहुंचे।

जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के लगातार प्रयासों के बाद भी सरकारी दफ्तरों का सिस्टम पटरी पर नहीं आ रहा है। डीएम के निरीक्षण के बाद कुछ समय तक चुस्त दुरुस्त दिखने वाली व्यवस्था थोड़े ही समय में फिर पुराने ढर्रे पर आ जाती है। और तो और लापरवाह और लेटलतीफ कर्मचारी, अधिकारी डीएम तक को गुमराह करने में जरा भी नहीं हिचकते हैं।सोमवार को भी कुछ ऐसा ही नजारा शिक्षा विभाग के दफ्तरों में दिखा। यहां डीएम ने निरीक्षण किया तो उप शिक्षा निदेशक राजीव राणा, डीआईओएस, डीआईओएस सेकेंड समेत कार्यालयों के 14 कर्मचारी गैरहाजिर मिले। इतना ही नहीं राजीव राणा ने गैरहाजिरी के संबंध में पूछे जाने पर डीएम को गुमराह करना चाहा, पर डीएम ने उनकी चालाकी पकड़ ली। सब पर कार्रवाई की जा रही है।

जिलाधिकारी ने सोमवार सुबह दफ्तर खुलते ही संयुक्त शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) उप शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) जिला विद्यालय निरीक्षक (माध्यमिक) जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय (माध्यमिक) कार्यालयों का निरीक्षण शुरू कर दिया। निरीक्षण के दौरान उप शिक्षा निदेशक राजीव राणा समेत कार्यालयों के 14 कर्मचारी मिले अनुपस्थित मिले। पता चला कि डीआईओएस अरुण कुमार तहसील दिवस में हैं। डीआईओएस सेकेंड राजीव कुमार यादव और उनके कई कर्मचारी भी गायब थे। उप शिक्षा निदेशक राजीव राणा ने ट्रेनिंग में जाने का बहाना बनाया लेकिन पता किया गया तो वे वहां नहीं पहुंचे थे। डीएम के मुताबिक जब उन्होंने और पूछताछ की तो बोले- बस पहुंच रहे हैं लेकिन न तो ट्रेनिंग सेंटर में पहुंचे न दफ्तर। डीएम ने अधिकारियों के इस रवैये पर नाराजगी जताई। कहा- गैरहाजिरों पर कार्रवाई होगी। डीएम बोले- लगता है अधिकारियों और कर्मचारियों पर से अभी होली की छुट्टियों का खुमार उतरा नहीं है। डीएम ने कहा कि सभी गैरहाजिर लोगों का फिलहाल एक दिन का वेतन रोकने की कार्रवाई की जा रही है। साढ़े दस बजे तक अनुपस्थित रहे कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।

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