कानपुर पुलिस ने बुधवार शाम को स्वरूप नगर थाने में बजरंग दल नेता समेत 15 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। यह मामला औरंगजेब का पुतला बिना अनुमति के फूंकने से जुड़ा हुआ है। पुतला फूंकने की घटना मंगलवार को मोतीझील स्थित शिवाजी प्रतिमा के सामने हुई बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने यह कार्यवाही औरंगजेब की कब्र हटाने के मुद्दे को लेकर की थी।

 

डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी ने जानकारी दी कि पुतला फूंकने के दौरान न तो किसी से अनुमति ली गई थी और न ही इस कार्यक्रम का पुलिस से कोई अनुमोदन प्राप्त था, जबकि कमिश्नरेट में शांति बनाए रखने के लिए धारा 144 लागू थी। इसके बावजूद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शांति भंग करने का प्रयास किया।

 

इस घटना का वीडियो आधार बनाकर एसआइ विपिन कुमार ने स्वरूप नगर थाने में बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक रहे कृष्णा तिवारी, सुमित, अनिल, आलोक और 10-15 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। आरोपियों पर हिंसा फैलाने, शांति बनाए रखने की धारा का उल्लंघन करने और बिना अनुमति के सार्वजनिक स्थान पर कार्यक्रम करने का आरोप है। पुलिस ने कृष्णा तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

 

वहीं, विश्व हिन्दू परिषद के विभाग मंत्री गौरांग ने बताया कि कृष्णा तिवारी पिछले छह-सात महीने से बजरंग दल में किसी पद पर नहीं हैं और यह कार्यक्रम भी संगठन की ओर से नहीं था।

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