कानपुर; दिनांकः 21.03.2025

*मोती झील से कानपुर सेंट्रल तक यात्री सेवाओं के विस्तार के लिए मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) ने किया मेट्रो स्टेशनों का निरीक्षण*

 

कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर-1 (आइआईटी से नौबस्ता) के अंतर्गत मोती झील से कानपुर सेंट्रल तक यात्री सेवा आरंभ करने के पूर्व की तैयारियां तेजी से आगे बढ़ रहीं हैं। मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) जनक कुमार गर्ग द्वारा 20-21 मार्च को उक्त मेट्रो सेक्शन का निरीक्षण किया गया। पहले दिन उन्होंने मोती झील से कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो सेक्शन के दोनों लाइन (अप-लाइन और डाउनलाइन) पर टनल और ट्रैक का निरीक्षण किया। दूसरे दिन, यानी आज सीएमआरएस द्वारा मेट्रो ट्रेन का अलग-अलग स्पीड में ’हाई’ और ’लो’ स्पीड टेस्ट किया गया। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसी) के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उनके साथ उपस्थित रहे।

 

मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) ने अपने दो दिवसीय निरीक्षण प्रक्रिया की शुरूआत 20 मार्च को मोती झील मेट्रो स्टेशन से की। यहां से उन्होंने ‘अप-लाइन‘ पर मोटर ट्रॉली में बैठकर चुन्नीगंज स्टेशन से पहले बने मेट्रो वायाडक्ट और रैम्प का मुआयना किया। रैम्प से होते हुए अंडरग्राउंड टनल में प्रवेश करने के बाद टनल और ट्रैक का बारीकी से निरीक्षण करते हुए वे कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक गए। इस दौरान उन्होंने टनल में नियत दूरी पर बने क्रॉस पैसेज का निरीक्षण किया। आग लगने जैसी दुर्घटना में सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले टनल वेंटिलेशन सिस्टम को भी परखा। इसके बाद उन्होंने कानपुर सेंट्रल से मोतीझील स्टेशन तक ‘डाउनलाइन‘ पर भी टनल और ट्रैक का निरीक्षण किया।

 

21 मार्च यानी आज सीएमआरएस ने मोती झील स्टेशन से कानपुर सेंट्रल तक दोनों लाइन (अप-लाइन और डाउनलाइन) पर मेट्रो ट्रेन का स्पीड टेस्ट किया। इस दौरान मेट्रो ट्रेन की परिचालन के दौरान उत्पन्न हो सकने वाली हर परिस्थिति के अनुसार जांच की गई। ट्रेन को अधिकतम गति पर चलाकर, बीच-बीच में अचानक ब्रेक लगाकर और कम गति पर चला कर भी देखा गया। सीएमआरएस कानपुर सेंट्रल तक जाने के क्रम में एक-एक कर सभी स्टेशनों पर भी गए। स्टेशनों पर उन्होंने यात्री सुविधाओं, स्टेशन कंट्रोल रूम और सुरक्षा से जुड़े विभिन्न उपकरणों व सिस्टम्स का निरीक्षण किया। आग लगने जैसी आपात परिस्थिति से निपटने में अलार्म सिस्टम और मेट्रो स्टाफ की मुस्तैदी को भी परखा।

 

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक श्री सुशील कुमार ने बताया कि,“ मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) ने 20-21 मार्च को मोती झील से कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो सेक्शन का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ट्रेन और स्टेशन में यात्री सेवा से जुड़े सभी पहलुओं को बारीकी से परखा। यात्री सेवा आरंभ करने से पूर्व सीएमआरएस द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिलना आवश्यक होता है। एनओसी मिलने के बाद कानपुर वासियों को जल्द से जल्द मोती झील से कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो यात्रा की सौगात मिल सकेगी। शहर के इस हिस्से में मेट्रो का परिचालन आरंभ होने से प्रमुख शिक्षण केंद्र, अस्पताल, बाजार व स्टेशन मेट्रो नेटवर्क से जुड़ जाएंगे। कानपुर मेट्रो शहर के अंदर और बाहर यात्रा करने वाले लाखों शहर वासियों के लिए लाइफ लाइन साबित होगी।‘‘

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