विभिन्न सरकारी विभागों समेत बैंक बकाया रकम वसूलने में नाकाम होने के बाद आरसी काटकर तहसील को भेजते हैं। जिसके बाद तहसीलकर्मी इन बकाएदारों से बकाया रकम वसूलता है। इस वित्तीय सत्र में 46 अरब की बकाया रकम वसूलने का लक्ष्य सदर तहसील को मिला था। इतनी बड़ी बकाया राशि देख तहसील के अधिकारी भी सक्ते में आ गए। उन्होंने वसूली के साथ सभी आरसी की जांच शुरू की। एक सरकारी बैंक से आई दो RC ने अधिकारियों के होश उड़ा दिए।बैंक कर्मियों की लापरवाही से आरसी में बकाया रकम के स्थान पर मोबाइल नंबर भर दिया था। इससे जो बकाया राशि लगभग पांच लाख रुपये थी, वह बढ़कर 9.41 अरब रुपये पहुंच गई। ऐसे अब तक दो मामले जांच में पकड़े जा चुके हैं। इसी तरह, एक मामला और सामने आया है, जिसमें एक ही बकाएदार की आरसी 21 बार भेजी गई है। जो महज 6 लाख रुपये थी लेकिन तहसील के बकाए खाते में यह 1.26 करोड़ रुपये पहुंच गई है। तहसील के अधिकारियों के मुताबिक ऐसे ही कई छोटी-छोटी गलतियां और मिली हैं, जिनसे बकाया रकम बढ़ गई है।

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