कानपुर
बैंक कर्मियों की लापरवाही से अफसरों के होश फाख्ता, वसूली रकम की जगह लिखा मोबाइल नंबर, एक आरसी को बैंक ने 21 बार भेजा
राजस्व वसूली को हो हल्ला करने वालों के लिए यह खबर है। बैंक कर्मियों की लापरवाही बानगी यह है वसूली में रकम की जगह मोबाइल नंबर लिख दिया। आरसी पहुंची तो सदर तहसील के कर्मियों के होश फाख्ता हो गए।वहीं, एक आरसी को बैंक ने 21 बार भेजा। जिससे महज छह लाख रुपये की राशि बकाया खाते में 1.26 करोड़ रुपये बन गई। अरबों की रकम वसूली का लक्ष्य, पूरा महकमा लग गया। जांच के बाद मालूम चला कि बैंक कर्मियों की गलती उनके सिर दर्द का कारण बना है।
एसडीएम सदर ऋतुप्रिया ने बताया कि बैंक समेत कई सरकारी विभागों की ओर से आरसी में गलतियां की गईं हैं। बकाया रकम राशि गलत भरने से लक्ष्य अधिक हो गया है। ऐसी सभी आरसी वापस की गई हैं।सदर तहसील के अधिकारियों के मुताबिक 46 अरब की वसूली करनी थी, जिसमें अब 4.50 अरब रुपये बकाया है। बैंकों व अन्य विभागों की लापरवाही का खामियाजा तहसीलकर्मियों को भुगतना पड़ता है। विभिन्न सरकारी विभागों समेत बैंक बकाया रकम वसूलने में नाकाम होने के बाद आरसी काटकर तहसील को भेजते हैं। जिसके बाद तहसीलकर्मी इन बकाएदारों से बकाया रकम वसूलता है। इस वित्तीय सत्र में 46 अरब की बकाया रकम वसूलने का लक्ष्य सदर तहसील को मिला था। इतनी बड़ी बकाया राशि देख तहसील के अधिकारी भी सक्ते में आ गए। उन्होंने वसूली के साथ सभी आरसी की जांच शुरू की। एक सरकारी बैंक से आई दो RC ने अधिकारियों के होश उड़ा दिए।बैंक कर्मियों की लापरवाही से आरसी में बकाया रकम के स्थान पर मोबाइल नंबर भर दिया था। इससे जो बकाया राशि लगभग पांच लाख रुपये थी, वह बढ़कर 9.41 अरब रुपये पहुंच गई। ऐसे अब तक दो मामले जांच में पकड़े जा चुके हैं। इसी तरह, एक मामला और सामने आया है, जिसमें एक ही बकाएदार की आरसी 21 बार भेजी गई है। जो महज 6 लाख रुपये थी लेकिन तहसील के बकाए खाते में यह 1.26 करोड़ रुपये पहुंच गई है। तहसील के अधिकारियों के मुताबिक ऐसे ही कई छोटी-छोटी गलतियां और मिली हैं, जिनसे बकाया रकम बढ़ गई है।