अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस तीन कैथलैब के जल्द निर्माण का प्रस्ताव पास, राहत मिलेगी
कानपुर : उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े लक्ष्मीपति सिंघानिया कार्डियोलॉजी एवं कार्डियक सर्जरी संस्थान में इलाज के लिए आने वाले दिल के मरीजों को कार्डियोलॉजी में बनी दो कैथलैब के जरिए वैस्कुलर सर्जरी की सुविधा मिल रही है. जिस वजह से ज्यादातर मरीजों को या तो यहां से वापस लौटना पड़ता है या फिर उन्हें वेटिंग में रहना पड़ता है. हालांकि, अब ऐसे मरीजों को इस समस्या से जल्द ही निजात मिल सकेगी और उन्हें इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. क्योंकि शासन स्तर से कार्डियोलॉजी में तीन नए कैथलैब बनाने का प्रस्ताव पास हो गया है.
कार्डियोलॉजी के निदेशक प्रो. डॉ. राकेश वर्मा का कहना है कि कैथलैब के बनने के बाद एंजियोग्राफी, एनजियोप्लास्टी, स्टंट या पेसमेकर लगाने और बायपास सर्जरी के लिए मरीज को इंतजार नहीं करना पड़ेगा. करीब 35 करोड़ रुपये की लागत से इन कैथलैब का निर्माण कराया जाएगा. ये सभी कैथलैब अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी. प्रोफेसर डॉ. राकेश वर्मा ने बताया कि वर्तमान समय में कार्डियोलॉजी में दो कैथलैब है, लेकिन इनमें से सिर्फ एक ही कैथलैब काम कर रही है. दूसरे को सिर्फ एक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत संचालित किया जा रहा है. इसमें भी जो एक कैथलैब है उसका हम 12 घंटे संचालन करते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीजो को इलाज मिल सके. रोजाना 100 से ज्यादा मरीज हमारे यहां आते हैं, लेकिन मौजूदा समय में 60 से 65 लोगों को ही इलाज मिल पा रहा है. 35 से 40 मरीज ऐसे हैं जिन्हें अगले दिन की तारीख दे दी जाती है या फिर उन्हें वेट करना पड़ता है. इन तीन नई कैथलैब के बनने के बाद से यह दिक्कत पूरी तरह से खत्म हो सकेगी और जो हमारे यहां मरीज आ रहे हैं हम उन्हें और भी बेहतर इलाज उपलब्ध करा सकेंगे.डॉ. राकेश वर्मा ने बताया कि महत्वपूर्ण बात यह है कि जो हमारा हाइब्रिड ऑपरेशन थिएटर था यह प्रदेश का पहला हाइब्रिड ऑपरेशन थिएटर होगा. जिसमें यह वैस्कुलर लैब लगेगी और इसमें दोनों प्रकार के जैसे कि कुछ में तीन नसों में ब्लॉक है दो में एनजीयोप्लास्टी से काम चल सकता है. एक छोटे चीरे से नई बायपास सर्जरी हो सकती है. ऐसे में दोनों प्रोसीजर एक साथ एक समय में एक ही बार में इस लैब के तहत इस हाइब्रिड ऑपरेशन थिएटर के जरिए किया जा सकेंगे. यह सुविधा फिलहाल देश में केवल ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट एम्स में है. कार्डियोलॉजी संस्थान देश मे दूसरा ऐसा संस्थान होगा जो हाइब्रिड ऑपरेशन करने के लिए योग्य हो जाएगा.