*करोड़ों की निकिल लदे कंटेनर की चोरी में लॉजिस्टिक पार्क के जीएम की मिलीभगत,भेजा गया जेल*

 

कानपुर के पनकी स्थित लॉजिस्टिक पार्क से करोड़ों की निकिल प्लेट लदा कंटेनर की चोरी मामले में लॉजिस्टिक पार्क के जनरल मैनेजर की मिलीभगत सामने आई। वह कई वर्षों से चोरों के गिरोह के संपर्क में था।जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।इससे पहले पुलिस ने गैंग के 5 शातिर चोरों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था जबकि चोरी की वारदात में शामिल सरगना संदीप लोहार अभी तक फरार है।जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है । पुलिसिया पूंछताछ में जनरल मैनेजर ने कई अहम जानकारियां दी है।इससे पहले भी उसने कई वारदातों को अंजाम देने में सहायक की भूमिका निभाई थी।

 

*3.92 करोड़ की निकिल प्लेट लदा कंटेनर हुआ था चोरी*

पनकी के लॉजिस्टिक पार्क में विगत 16 मार्च को 3.92 करोड़ की निकिल प्लेट लदा कंटेनर चोरी हो गया था।चोरों ने बड़ी शातिराना अंदाज में चोरी की घटना को अंजाम दिया था।ट्रांसपोर्टर की शिकायत के बाद मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने मामले में छानबीन की। सीसीटीवी और सर्विलांस की मदद ली गई ।करीब 288 सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए ।पता चला कि शातिर भौती की तरफ जाते दिखे,फिर गायब हो गए।जिसके बाद आगे के सीसीटीवी चेक किए गए तो दिखाई दिया कि शातिरों ने दूसरी गाड़ी में माल पलटी करा दियाऔर माल को पहले दिल्ली फिर हिसार की ओर ले जाया गया।इस दौरान पुलिस ने करीब 288 सीसीटीवी कैमरों की जांच की।कैमरे में आए ट्रक नंबर के आधार पर पुलिस ट्रक मालिक तक पहुंची ।जिसके बाद भिवानी,हरियाणा समेत कई जगहों से 5 शातिरों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।जबकि सरगना संदीप लोहार शातिर फरार हो गया।उनके पास से 301 किलो निकिल,6 लाख रुपए और कार बरामद की गई।

 

*जनरल मैनेजर और सरगना के बीच संपर्क*

पुलिस लगातार सरगना संदीप लोहार की तलाश में थी तभी सर्विलांस और अन्य संसाधनों के जरिए पुलिस को एक नई जानकारी पता चली। निकिल चोरी के सरगना और लॉजिस्टिक पार्क के जीएम मनीष सहाय के बीच पुराने संपर्क होने के सुराग मिले। जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने जांच की तो इस बात की पुष्टि हो गई कि जनरल मैनेजर और सरगना के बीच बातचीत होती थी।

 

*चार आईडी और इस्तेमाल की वजह तलाश रही पुलिस*

सब कुछ स्पष्ट हो जाने के बाद पुलिस ने जनरल मैनेजर मनीष सहाय को पनकी नहर के पास से गिरफ्तार कर लिया।मूलरूप से बिहार का रहने वाला मनीष चार अलग अलग आईडी इस्तेमाल कर रहा था।बिहार के साथ उसने हरियाणा का भी आधार कार्ड बनवाया था।इसके अतिरिक्त वह लॉजिस्टिक पार्क के एड्रेस के अलावा लोकल पते का भी इस्तेमाल करता था।अब पुलिस इन चार पतों के इस्तेमाल की कहानी का सच जानने का प्रयास कर रही है।

 

*व्हाटएप के जरिए होती थी बातचीत*

 

पुलिसिया पूंछताछ में पता चला है कि लॉजिस्टिक पार्क का जीएम मनीष सहाय वर्ष 2008 से सरगना संदीप लोहार के संपर्क में था।गुड़गांव में जॉब के दौरान उसने संदीप का साथ देकर दो वाहन चोरी की घटनाओं को अंजाम दिलाया था।रोहतक में भी उसने चोरी की वारदात में संदीप की मदद की थी।इस दौरान मनीष व्हाटएप कॉल के जरिए ही संदीप से बात करता था।पुलिसिया पूंछताछ में पता चला है कि लॉजिस्टिक पार्क के कुछ और कर्मचारी भी चोरी की वारदात में शामिल थे।उनकी पहचान की जा रही है।इसके अलावा पुलिस सरगना संदीप की खोज में अलग अलग जगहों पर दबिश दे रही है।दावा किया जा रहा है कि जल्द ही सरगना को गिरफ्तार कर बाकी का माल भी बरामद कर लिया जाएगा।

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