कामर्षियल टैक्स भवन स्थित टैक्स बार संगठन कानपुर ने अपने वक्तव्य स्टडी-सर्किल मीटिंग में विचार व्यक्त किया

 

 

कानपुर, कामर्षियल टैक्स भवन स्थित टैक्स बार एसोसिऐषन कानपुर की स्टडी-सर्किल मीटिंग में मुख्य वक्ता दिनेश प्रकाश ने अपने वक्तव्य में यह विचार व्यक्त किया कि वर्तमान में सबसे भयावह, ज्वलंत, मूल समस्या सर्वोच्च उच्च न्यायालय के निर्णयों की अवहेलना स्वरुप आये दिन आदेशों का जी०एस०टी० अपीलीय अधिकारियों द्वारा पारित किया जाना है।सेल्स टैक्स से लगाकर जी०एस०टी० रिजीम तक में विधायिका द्वारा न्यायिक व्यवस्था का सृजन किया जाता रहा है। कर विधि की न्यायिक व्यवस्था से जुड़े लोग अपीलीय अधिकारी को षाक एब्जारबर और वाच-डाग की संज्ञा देते है। अपीलीय अधिकारी के कारण व्यापारी को उपचार मिलता है जो व्यापारी के षाक को ऐबर्जाब कर लेती है; दूसरी ओर अपीलीय अधिकारी राजस्व के हित की ओर भी सतर्क रहती है इसलिये वाच-डाग है। पूरे प्रान्त में जीएसटी रिजीम में अपीलीय अधिकारी मनमाने ढंग से अपनी तुश्टि-पुश्टि के लिये न्याय का वितरण (रनेजपबम कपेचमदेंजपवद) कर रहे है

संज्ञान में यहाँ ऊपर ऐसे उक्त न्यायिक निर्णयों का हवाला दिया गया है जो यह प्रेक्षित करते है कि अपीलीय में अधिकारी शासनादेश के खिलाफ, उच्च न्यायालय के खिलाफ, स्थापित विधिक व्यवस्था के अनुसार किसी धारा विषेश की न जानकारी या उपेक्षा करते हुए अपनी सुविधानुसार निर्णय देने के अभ्यस्त हो गये है अपीलीय अधिकारी प्रिंसिपल सेकरेटरी के नाम का हल्ला बोलकर अपीलकर्ता समाज को यह कहकर आंतकित करते है कि प्रिंसिपल सेकरेटरी हमको खा जायेगे चाहे हाईकोर्ट का निर्णय हो, चाहे शासनादेश हो, चाहे विधायिका के प्राविधान हो हम रिलीफ नहीं दे पायेगें अगर देगें तो नौकरी खतरे में पड़ जायेगीं। ऊपर संदर्भित मामलो के अलावा यह लिस्ट अभी काफी लम्बी है। सभा की अध्यक्षता संघ अध्यक्ष अषोक कुमार अग्रवाल, संचालन अमित शुक्ला संघ महामंत्री ने की, सदस्यो को धन्यवाद श्याम धवन संघ उपाध्यक्ष ने दियाः सभा में मुख्य रूप से रत्नेश बेवरवाल, सौरभ श्रीवास्तव,संजय गुप्ता,के० एल० दीक्षित, पंकज शुक्ला, एस० एस० निगम,हरिओम गुप्ता मोहहमद नसीम अख्तर, मोहमद इकलाख आदि उपस्थित रहे।

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