वित्त संशोधन अधिनियम को तत्काल वापस लेने की मांग की
पेंशनर्स एवं शिक्षक प्रदर्शन कर करेंगे आंदोलन
सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनसर्स एसोसिएशन तथा शिक्षक महासंघ कानपुर के संयुक्त तत्वाधान में आज अध्यक्ष बी०एल० गुलाबिया के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय में वित्त संशोधन अधिनियम 2025 के नियमों के बदलाव को लेकर एक प्रदर्शन किया।प्रदर्शकारियों को संबोधित करते हुये नेताओ ने कहा कि पेंशनर्स में आकोश उत्पन्न हो गया है जिससे देश के कर्मचारियों, शिक्षकों एवं पेंशनरो को इस वर्ष प्रारंभ में 8वें वेतन आयोग की घोषणा से एक संदेश गया कि सरकार अपने कर्मचारियों, शिक्षकों एवं पेंशनरों को वेतन एवं पेंशन पुनरीक्षण 01 जनवरी 2026 को करना चाहती है। इस मध्य फाइनेंशियल बिल/2025 एक कानूनी के रूप में सामने आ गया। जिसका सीधा मतलब यह हुआ कि 31/12/2025 तक सेवानिवृत्त पेंशनरों की पेंशन का पुनरीक्षण नहीं किया जाएगा। उक्त बिल को लेकर पूरे देश के पेंशनरों में आक्रोश उत्पन्न हो गया है। और प्रदेश व देशव्यापी आंदोलन की शुरुआत हो गयी है। आंदोलन के प्रथम चरण में आज प्रधानमंत्री / मुख्यमंत्री को संबोधीत ज्ञापन हेतु प्रदर्शन के दौरान उ०प्र० शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष राकेश बाबू पांडे ने बताया कि शिक्षक भी इससे प्रभावित होंगे इसलिए सभी सेवानिवृत्त शिक्षक इस लडाई में साथ हैं। केन्द्रीय कर्मियों के पेंशन फोरम के महामंत्री आनन्द अवस्थी ने बताया कि इस बिल से केन्द्र एवं राज्य सरकार के साथ स्थानीय निकाय आदि विभाग के पेंशनरों को भी लाभ नहीं मिलेगा। इसलिए केन्द्रीय पेंशनर्स इस लड़ाई में राज्य सरकार के पेंशनर्स के साथ कंधा से कंधा मिलाकर संघष करेगी। उ०प्र० माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष हेमराज सिंह गौर ने बताया कि यदि पेंशनर्स आंदोलन नहीं करेगा तो देश में ऐसे बदलाव होते रहेंगें। पेंशनर्स अपनी शक्ति को पहचानकर संघर्ष को बुलंदी तक ले जाने का प्रयास करेगा। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद कानपुर के अध्यक्ष प्रभात मिश्रा ने बताया कि कानपुर नगर का राज्य कर्मचारी पेंशनर्स के साथ है। सरकार को इनके साथ इस प्रकार का अन्याय नहीं करना चाहिए क्योकि जीवन के अंतिम पड़ाव में पेंशनर्स को दर्द देना सरकार की न्यायप्रिय कार्यप्रणाली का परिचायक नहीं है। पेंशनर्स ने जिलाधिकारी के गेट पर विशाल प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री भारत सरकार व मुख्यमंत्री उ०प्र० सरकार को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि को सौंप कर अपनी बात प्रशासन के सामने रखी। धरना प्रदर्शन के पश्चात आगामी 27 अप्रैल को लखनऊ में प्रदेशव्यापी आंदोलन के अगली घोषणा की जाएगी। कार्यक्रम में बीएल गुलाबिया, राकेश बाबू पांडे, आनन्द अवस्थी, प्रभात मिश्रा, हेमराज सिंह गौर, अशोक कुमार मिश्रा, आर०पी० श्रीवास्तव एडवोकेट, चन्द्रहास सिंह चौहान, कुमारी दीपा-सोनकर एड., रविन्द्र कुमार मधुर, अशिष्ट, सुभाष भारिया, ए.के० निगम मौजूद थे।