कानपुर

 

दावते इस्लामी और पाकिस्तानी आतंकी मौलवियों के सोशल मीडिया नेटवर्क,और उनके समर्थकों पर कार्रवाई के लिए सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन ने दिया ज्ञापन।

 

कानपुर नगर। पाकिस्तान प्रायोजित आतंक के तहत पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से सारे देश में पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है,देश के सूफियों के अग्रणी संगठन सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन द्वारा लगातार इस संबंध में आवाज़ उठाई जा रही है, जिसके चलते सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी के नेतृत्व में गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित ज्ञापन ज़िला अधिकारी कार्यालय में दिया गया,जिसमें दावते इस्लामी के नेटवर्क और पाकिस्तानी मुल्ला मौलवियों के सोशल मीडिया पर विभिन्न मंचों को प्रतिबंधित करने तथा इनके स्थानीय समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है,इस संबंध में बयान देते हुए सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी ने कहा कि,टू नेशन थ्योरी पाकिस्तानी राजनीति का हिस्सा है, जिसके द्वारा पाकिस्तान निरंतर भारत के खिलाफ इस्तेमाल करता रहा है, और इसी थ्योरी पर संपूर्ण पाकिस्तानी चरमपंथी धार्मिक समूह काम करते आए हैं,चाहे पाकिस्तान के देवबंदियों के लीडर शब्बीर उस्मानी रहे हों,या नदवी विचारों के इसरार कासमी और अली मिर्ज़ा, अहले हदीस फिक्र का हाफ़िज़ सईद हो या बरेलवियों का खादिम रजवी,मुल्ला ज़लाली और दावते इस्लामी का इलियास,ये सारे के सारे कई दशकों से टू नेशन थ्योरी को प्रमोट करते हुए भारत विरोधी गतिविधियों में सक्रिय रहे हैं, उन्होंने कहा कि अभी हाल में ही 16 अप्रैल को पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख आसिम मुनीर के टू नेशन थ्योरी के एजेंडे को कश्मीर के साथ जोड़ा गया,और उसके बाद 22 अप्रैल की घटना के समस्त तथ्य जिस ओर इशारा कर रहे हैं,वो एक खतरनाक साज़िश की ओर इशारा करते हैं,कई तथ्यों से यह बात सामने आ चुकी है कि,दावते इस्लामी और पाकिस्तानी बरेलवी मसलकी दहशतगर्द, पाकिस्तान की सेना और वहां के इस्टेब्लिशमेंट के लिए कार्य कर रहे हैं,जिसके विषय में सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन द्वारा समय समय पर अपने नागरिकीय कर्तव्य का पालन करते हुए सरकार को सूचित किया गया है।

उन्होंने कहा कि दावते इस्लामी और पाकिस्तानी बरेलवी मसलकी चरमपंथियों के समर्थक भारी मात्रा में भारत में सक्रिय हैं,इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जो पाकिस्तान जाकर मुल्ला ज़लाली के साथ मंच साझा कर चुके हैं,जिनमें बरेली का मन्नान और उसका लड़का समनान भी शामिल हैं,तथा कथित तौर पर कायदे मिल्लत कहा जाने वाला एक व्यक्ति तो पूर्व में पाकिस्तान के शासकों को ज़लाली के समर्थन में पत्र लिख चुका है,और उसी ग्रुप के नेपाली मुल्ला गुलाम अजहरी द्वारा कई घटनाएं भारत के राष्ट्रवादी महापुरुषों को अपमानित करने वाली की गई है,और तो और इसी ग्रुप का एक मुल्ला कलीम रजवी तो खुले आम “पाकिस्तान का मतलब क्या ला इलाहा इल्लल्लाह” के नारे लगाता है।

पहलगाम की घटना के बाद देश भर से पाकिस्तान के खिलाफ आवाजें उठी हैं,हर धर्म समाज के लोगों ने इस घटना की निंदा की है, किंतु उपरोक्त सभी ने एक शब्द भी नहीं लिया इसके विपरीत पाकिस्तान में बैठकर दावते इस्लामी के लोग भारत विरोधी बयान देते हुए लोगों को भड़का रहे हैं,जिसे मुल्क से मोहब्बत करने वाला कोई भी इंसान स्वीकार नहीं कर सकता।

लिहाज़ा हमने आग्रह किया है कि, कुकुरमुत्तों की भांति भारत भर में सक्रिय दावते इस्लामी और मुल्ला ज़लाली के समर्थकों,और विभिन्न पाकिस्तानी मुल्लाओं के सोशल मीडिया नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जारी होना चाहिए, उन्होंने कहा कि सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन अखिल भारतीय स्तर पर ज़मीनी सतह पर दावते इस्लामी के खिलाफ अभियान चलाएगा,ज्ञापन देने वालों में सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सूफ़ी शाह सय्यद जियारत अली हक्कानी मलंग, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी गौरव त्रिपाठी,मंडल अध्यक्ष इसरार मासूमी मदारी, ज़िला अध्यक्ष तारिक मासूमी मदारी,महानगर अध्यक्ष मोहम्मद दानिश अबुल उलाई,यूथ विंग ज़िला अध्यक्ष मोहम्मद एहसान,प्रदेश महासचिव अभिषेक कुमार,सय्यद हंजला आदि मौजूद रहे।

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