कानपुर

 

खुद को बताता था पूर्व केंद्रीय मंत्री के पीए का करीबी, नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी, शातिर गिरफ्तार

 

कानपुर में पुलिस ने एक साइबर ठग को गिफ्तार किया है जो कि सरकारी विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से ठगी करता था 4 साल पहले उसने कानपुर के कई लोगों से लाखों की ठगी कर कर फरार हो गया था फिलहाल पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

 

आपको बताते चले की कानपुर के चकेरी थाना क्षेत्र में ठग रितेश अपने आप को केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का पीए का करीबी बताता था। लोगो से कहता था कहता था कि मंत्री जी के पीए उसके अच्छे सम्बंध है उनसे एक बार कह देंगे तो, जितनी चाहोगे नौकरी लग जाएगी। कुछ इसी अंदाज में लोगों को अपनी बातों में फंसा करोड़ों की ठगी कर के फरार हो गया था वही इस पूरे प्रकरण में देहली सुजानपुर के चन्द्रमा प्रसाद सिंह के अनुसार अगस्त 2018 में उनके दामाद का दोस्त रितेश सिंह और विनोद कुमार सिंह उनके घर आए। दोनों ने बातचीत के दौरान कहा कि मंत्री कोटे से कुछ नौकरियां निकलीं हैं।मंत्री राम विलास पासवान के पीए से उनके काफी अच्छे संबंध हैं। उनसे कहकर आसानी से नौकरियां लगवाई जा सकती है। उन्होंने दो बेटियों आकांक्षा व पारुल और भांजे अमित कुमार चौधरी की नौकरी की बात की तो आरोपियों ने आठ लाख के हिसाब से 24 लाख रुपये का खर्च बताया। उनकी बात पर भरोसा कर अलग-अलग तारीखों में 20 लाख रुपये बताए हुए खातों में ट्रांसफर कर दिए, जबकि शेष चार लाख रुपये नियुक्ति पत्र मिलने के समय देना तय हुआ। पीड़ित के अनुसार रितेश और विनोद ने 15 अक्तूबर 2018 को दोनों बेटियों और भांजे को दस्तावेजों के साथ साक्षात्कार के लिए दिल्ली बुलाया। वहां तीस हजारी एफसीआई कैंपस के कार्यालय में दस्तावेज जमा करवाए। कुछ दिन बाद डाक से तीन पत्र आए। उनके दिए दिल्ली के पते पर नियुक्ति के लिए जब तीनों पहुंचे, तो वहां ऐसा कोई कार्यालय मिला ही नहीं। ठगी का अहसास होने पर उनसे रुपये वापस मांगे तो उन्होंने जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ चकेरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। उसके बाद पुलिस लगातार आरोपी की तलाश कर रही थी वहीं बीते दिनों पुलिस ने उसे छत्तीसगढ़ के बोकारो के जारतारा से गिरफ्तार किया है।

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