बिरयानी की दुकान पर पिच्चा और चटनी ने पीटा

क्रासर

– होजरी व्यापारी से पच्चीस हजार रुपए महीना रंगदारी मांगी

– इंकार करने पर लहूलुहान किया, पुलिस को अधीनस्थ बताया

कानपुर। अपराधियों का नाम सुनेंगे तो हंसी आएगी, लेकिन कारनामों की फेहरिस्त देखते ही खौफ मंडराने लगेगा। मुस्लिम इलाकों में आतंक का पर्याय बने शाहिद पिज्जा और यूसुफ चटनी ने जेल से बाहर निकलते ही फिर रंगदारी वसूलना शुरू कर दिया है। रंगदारी का विरोध करने वालों को अव्वल प्रताड़ित किया जाता है, इसके बाद व्यापार समेटने के लिए मजबूर। ताजा मामले में पिच्चा और चटनी ने एक होजरी व्यापारी से 25 हजार रुपए की मासिक रंगदारी मांगी। इंकार किया तो जान से मारने की धमकी देकर लहूलुहान कर दिया। पुलिस ने शातिरों के खिलाफ मामला दर्ज करने के साथ तलाश में दबिश देना शुरू कर दिया है।

औकात के हिसाब से रंगदारी देने का ऐलान

चमनगंज निवासी फहीम अहमद अपने मकान के नीचे नशरा होजरी के नाम से कारोबार करते हैं। 29 अप्रैल को शाम छह बजे होजरी कारखाने जाते वक्त अजमेरी चौराहे के पास रहीम बिरयानी वाले की दुकान पर बैठे कुख्यात शाहिद पिच्चा और यूनुस चटनी ने आवाज देकर बुलाया और जमीन के व्यापार में तमाम लोगों के साथ हिस्सेदारी का दावा करते हुए पच्चीस हजार रुपए की मासिक रंगदारी देने का हुक्म सुना दिया। फहीम ने रंगदारी देने से इंकार किया तो पिच्चा और चटनी ने इलाके की रवायत का पालन करने की हिदायत देते हुए धमकाया। बावजूद, रंगदारी अदा करने को रजामंद नहीं होने पर दोनों कुख्यात ने सरेआम-सरेराह फहीम को बेरहमी से पीटकर लहूलुहान कर दिया। शाहिद पिच्चा ने खुलेआम ऐलान किया कि, उसके इलाके में काम करना है तो प्रत्येक व्यापारी को औकात के हिसाब से रंगदारी अदा करनी होगी।

पुलिस मेरी अधीनस्थ, जेल पिकनिक जैसी

फहीम की तहरीर के मुताबिक, शाहिद ने मारने-पीटने के बाद धमकाया कि, मुस्लिम इलाके में काम करना है तो पैसा देना ही पड़ेगा, क्योंकि क्षेत्रीय पुलिस भी उसकी इजाजत के बगैर कुछ नहीं करती है। गौरतलब है कि, हिस्ट्रीशीटर शाहिद पिच्चा अभी चार महीने पहले ही जेल से छूटकर बाहर आया है। शाहिद इलाके में अक्सर जुमलाबाजी करता है कि, जेल तो उसके लिए पिकनिक पर जाने जैसा है। पुलिस ने फहीम की तहरीर पर पिच्चा और चटनी के खिलाफ जबरन वसूली, मौत की धमकी समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा लिखकर तलाश में दबिश देना शुरू कर दिया है।

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पुलिस की मुस्तैदी से जिंदगी महफूज

कानपुर। खाकी वर्दी की मुस्तैदी और रियल टाइम एक्शन के चलते एक जिंदगी को आत्महत्या करने से बचा लिया गया। मामला गुजैनी थानाक्षेत्र से जुड़ा है। दरअसल, पीआरवी के जरिए थाना पुलिस को सूचना मिली कि तात्यातोपे नगर में दारोगा चौराहे के पास सुशीलादेवी के पति खुद को कमरे में कैद करने के बाद फांसी के फंदे पर लटकने का प्रयास कर रहे हैं। सूचना मिलते ही दारोगा सैय्यद जुबैर और दारोगा मोहित सिंह दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। टीम ने तत्काल अंदर से बंद कमरे का दरवाजा तोड़ा तो सुशीला के पति यशपाल फांसी पर लटक चुके थे। पुलिस टीम ने तत्काल उन्हें फंदे से उतारा तो सांस चल रही है। प्राथमिक उपचार के बाद डाक्टर ने यशपाल को सकुशल घर भेज दिया।

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