बताओ केस्को! शहर में कहां से आए फर्जी स्मार्ट मीटर!
एक तरफ तो केस्को का आम उपभोक्ता भारी भरकम बिजली बिलों के बोझ से दबकर दम तोड़ रहा है, दूसरी ओर केस्को ये तक बताना और पता लगाना नहीं चाहता कि शहर में बड़ी संख्या में फर्जी स्मार्ट मीटर कहां से आए?.. किसने लगाए? जबकि फर्जी स्मार्ट मीटरों के खेल से केस्को को करोडों के राजस्व का चूना लग रहा है! जरीब चौकी खंड के घनी आबादी वाले चमनगंज जैसे सबस्टेशनों में फर्जी स्मार्ट मीटरों की सबसे अधिक होने की आशंका है। जहां पतली गलियों में बनीं अवैध बिल्डिंगों में कानूनी रूप से तो बिजली कनेक्शन और फायर एनओसी दी नहीं जा सकती। जैसे कि हाल में चमनगंज के प्रेम नगर चौराहे के पास पांच माला अवैध बिल्डिंग में शॉर्ट सर्किट से लगी आग में 5 लोगों का परिवार जलकर खाक हो गया।
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कानपुर। महानगर में केस्को के चंद कर्मियों की मिलीभगत से फर्जी स्मार्ट मीटर लगाने वाला गैंग सक्रिय है। बढ़ते लाइन लॉस को कम करने के लिए चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत 3 मई की अल-सुबह केस्को की टीम ने चमनगंज में छापा मारा। रेड में टीम को चेकिंग और कांबिंग के दौरान 4(0परिसरों पर चोरी पकड़े गई। इसमें इलाके के अनीस अहमद और रईस अहमद पुत्र मो. अहमद फर्जी स्मार्ट मीटर लगाकर बिजली चोरी करते पकड़े गए। इन मीटरों का केस्को के पास कोई रिकॉर्ड या लेखाजोखा नहीं है।
फर्जी स्मार्ट मीटर इस खेल से गैंग अपनी जेबें भर रहा है, बिजली चोर मौज काट रहे हैं, लेकिन केस्को को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। लाइन लॉस बढ़ता चला जा रहा है। फर्जी मीटर का खेल शंट लगाकर या मीटर को बाईपास करके बिजली चोरी करने से भी कहीं अधिक खतरनाक है, क्योंकि जल्दी पकड़ में नहीं आता है। मीटर रीडिंग लेने वाले और स्थानीय केस्को कर्मियों की मिलीभगत रहती है। जानकारों के अनुसार घनी आबादी इलाकों में फर्जी स्मार्ट मीटर लगे तो सैकड़ों की संख्या में हैं, लेकिन पकड़े अभी तक दो या चार ही गए हैं। वहीं केस्को ने इस मुद्दे पर छिपी साध ली है कि आखिर ये फर्जी स्मार्ट मीटर कहां से आए और किसने लगा डाले? बताया जा रहा है कि चंद कुख्यात पार्षदों और दलालों के साथ केस्को कर्मियों की मिलीभगत से फर्जी स्मार्ट मीटर का गैंग संचालित हो रहा है।
केस्को जरीब चौकी खंड के चमनगंज सब स्टेशन के अंतर्गत ये खेल सबसे बड़े पैमाने पर होने की आशंका है। इस इलाके में घनी आबादी के बीच अवैध बनीं मल्टीस्टोरी बिल्डिंगें हैं, नियमानुसार जिनको केस्को का कनेक्शन नहीं मिल सकता, उनमें फर्जी स्मार्ट मीटरों की आशंका प्रबल है।
ये वो मीटर है जो खराब होने पर, रिप्लेसमेंट के बाद स्टोर में डंप कर दिए जाते हैं, या फिर बदलने के लिए निकाले गए अथवा पद करने (कनेक्शन खत्म करने) के बाद निकाले गए मीटर हो सकते हैं। उन प्राइवेट कंपनियों के चंद कर्मियों की मिलीभगत ही सकती है जो ये मीटर बदलने लगाने का काम करती रही हैं। जल्द ही फर्जी स्मार्ट मीटर गैंग के खेल में शामिल नामों का और इनकी मोड्स ऑपरेंडी का खुलासा करेंगे।
उक्त प्रकरण केस्को अधिकारियों द्वारा बताया गया रिपोर्ट दर्ज करवाई है