भारत विरोधी किसी भी व्यक्ति और देश से हमारा कोई ताल्लुक नहीं,कहते हुए सूफ़ी कौसर मजीदी ने,तुर्की के शेख़ उज़ैर की खिलाफत को रद्द किया।

 

कानपुर नगर। पाकिस्तान के आतंकी शिविरों पर कार्रवाई के बाद,भारत के खिलाफ खड़े हुए तुर्की का सारे देश में विरोध और बायकॉट किया जा रहा है,इसी क्रम में सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन राष्ट्रीय अध्यक्ष और खानकाह फ़ैज़िया मजीदिया कानपुर नगर के गद्दी नशीन सूफ़ी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी ने,तुर्की के शेख़ उज़ैर बिन मोहम्मद अल समसूनी को दी गई ख़िलाफत और इजाज़त को रद्द कर दिया है,इस सम्बन्ध में खानकाह फ़ैज़िया मजीदिया कानपुर नगर से,बयान और वीडियो जारी करते हुए सूफी खानकाह एसोसिएशन राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी ने कहा कि, मैंने ब तारीख़ 28 जुलाई 2023 को तुर्की के शेख़ उज़ैर बिन मोहम्मद अल समसूनी को, सिलसिला ए आलिया, कादरिया, चिश्तिया, फरीदिया, साबरिया, नियाज़िया, मदारिया,अबुल उलाइया, नक्शबंदिया और सूफ़ी परंपरा के उन सभी सिलसिले, जिनकी ख़िलाफत ओ इजाज़त मुझ को हासिल है,उनकी ख़िलाफत और इजाज़त शेख उजैर को दी थी।

उन्होंने कहा कि पीर ओ मुर्शिद सैयदी सरकार सिराज उल औलिया हजरत ख़्वाजा सूफ़ी मजीद उल हसन शाह साहब रहमतुल्लाह अलैह ने,हम सूफियों को वतन से मोहब्बत का दर्स दिया है, उन्होंने कहा कि आका ए करीम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम का फरमान “हुब्बुल वतनी मिनल ईमान”,और इमाम आली मकाम हजरत सैयदना इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का वतन के साथ वफादार रहने का हुक्म, मुझ फकीर को ये हुक्म देता है, कि हर उस शख़्स तंजीम या वतन जो हमारे मुल्क का ज़र्रा बराबर भी मुखालिफ हो उसके साथ ताल्लुक रखना देश के प्रेम के उसूलों को खंडित करता है।

उन्होंने कहा कि पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत की पाकिस्तान के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद,दुश्मन मुल्क पाकिस्तान की हिमायत में तुर्की खड़ा हो गया,जो हमारी गैरत के खिलाफ़ है।

उन्होंने कहा कि लिहाज़ा सूफ़ी परंपरा के आदर्श और वतन से मोहब्बत और,देश के प्रति जां निसारी की भावना के तहत,हम उन तमाम लोगों और देशों से बेज़ारी और ला ताल्लुकी का ऐलान करते हैं,जो हिंदुस्तान के मुखालिफ़ हैं।

उन्होंने कहा कि लिहाज़ा इस संबंध में,तुर्की के शेख़ उज़ैर बिन मोहम्मद अल समसूनी को दी गई ख़िलाफत ओ इजाज़त रद्द की जाती है।

उन्होंने कहा कि हम उन हराम खोरों में नहीं जिन्हें उपलब्धि हिंदुस्तान से मिली, लेकिन वो चंद कौड़ियों के लालच में हिंदुस्तान को गालियां देने वाले और हिंदुस्तान के टुकड़े करने के ख्वाब देखने वालों से मसलक की बुनियाद पर यारियां रखते हैं और खिलाफतें बांटते फिरते हैं।

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