कानपुर

 

रागेंद्र स्वरूप सेंटर फार एक मुशायरा का आयोजन किया गया

 

जहां से दूर-दूर कवियों ने हिस्सा लेकर मुशायरा को रंगीन बना दिया

 

दीप प्रज्वलित किया गया हुजूर साहब की फोटो पर माल्यार्पण

 

कानपुर में विगत वर्षों की भांति रसखान साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था अपना 32वां कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन किया गया शनिवार को रागेंद्र स्वरूप सेंटर फार परफॉर्मिंग आर्ट्स सिविल लाइंस के सभाकर में कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित किया गया हुजूर साहब की फोटो पर माल्यार्पण मुख्य अतिथि डॉ निता जैन द्वारा रमन हितकारी की पुस्तक का आशियाना मकराबटसगंज का विमोचन किया गया दिल्ली के शकील जमाली ने अगर हमारे ही दिल में ठिकाना चाहिए था तो फिर तुझे जरा पहले बताना चाहिए था सुनाकर मुशायरा में वाहवही लूटी वही जिशान नियाजी ने सौ बार टूटने पे भई हरा नहीं हूँ मै मिट्टी का एक चिराग हूं तारा नहीं हूं मैं सुनाकर खूब महफिल में तालियां बटोरी कार्यक्रम में देश के मशहूर शायर एवं कवि दिल्ली से इकबाल अशहर, शकील जमाली, लक्ष्मी शंकर बाजपेई, शाहिद अनवर, मुंबई से राजेश रेड्डी, लखनऊ से चरन सिंह बशर, डॉक्टर तारीख कमर, कानपुर से जीशान व्यजी प्रयागराज से अफजल इलाहाबादी, जालंधर से अमरदीप सिंह अमर, उरई से पुष्पेंद्र पुष्प ने कविताएं सुनाई इस दौरान मासूम अली खान, रामन हितकारी, पंकज यादव मौजूद रहे।

 

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