*रिटायर्ड होने के बाद भी लेखाकार और केयर टेकर के पद पर नगर निगम कर रहा नियुक्ति*
कानपुर जो चाचा है वही भतीजा है,, और जो भतीजा है वही चाचा है। यह कहावत सटीक बैठती है नगर निगम में झोल बाजारी करने वाले रिटायर्ड हो चुके राम जी अवस्थी पर। बीते वर्ष 31/05/2024 को नगर निगम से सेवा निवृत्त हो जाने के बाद भी अगले दिन 1/06/2024 को उसी पद पर दुबारा नियुक्त भी कर दिए जाते हैं और पूर्व नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जी.एन.द्वारा नियुक्ति पत्र भी धोखे से जारी कर दिया जाता है, जब कि जे टी एन द्वारा जो मैंन पावर सप्लाई की जाती है उनके द्वारा रामजी अवस्थी को दिनांक 25/06/24 को भेजा गया था नगर निगम में कार्य हेतु।वहीं रिटायर्ड होने के बाद विभाग में सांठ गांठ कर अगले दिन ही आउट सोर्सिंग के माध्यम से 45000 रु मासिक वेतन केयर टेकर के पद पर इसी विभाग में नियुक्त करवा दी जाती है। वही राम जी अवस्थी को सरकारी सुविधाओं के साथ निजी कार्य के लिए एक गाड़ी भी आवंटित कर दी गई है जिसका नंबर यूपी 78 एफ एन 1273 है। वही इसी विभाग में आउट सोर्सिंग पर कार्यरत कर्मचारियों को जो वेतन निर्धारित है वह वेतन दिया जाता है लेकिन राम जी अवस्थी जैसे लोगों को आज ऐसा क्या कारण है कि नगर निगम द्वारा सरकारी वेतन दिया जाता है और रिटायर्ड होने पर आउट सोर्सिंग के माध्यम से लेखाकार और केयर टेकर के पद पर रामजी अवस्थी की दुबारा नियुक्त कर दी जाती है। वहीं जब शिकायतकर्ता द्वारा जवाब मांगा जाता है तो कार्मिक विभाग कहता है इसका जवाब केयर टेकर देगा तभी जब केयर टेकर से कहा गया तो कार्मिक विभाग इसका जवाब देगा बोलकर गुमराह किया जा रहा है। वही इसी विभाग द्वारा ठेकेदारों से कार्य न लेकर जी एस टी एन सहित पैड का इस्तेमाल करके नगर निगम द्वारा आर टी जी एस नंबर दिलाया जाता है और फिर सरकारी धन का दुरूपयोग लगातार किया भी जाता है। तो वहीं शिक़ायतकर्ता योगेश्वर सरन निगम ने कई बार आर टी आई डालकर ज़वाब भी मांगा लेकिन जांच का विषय बताकर गुमराह किया गया और रामजी अवस्थी जैसे कर्मियों पर जांच भी नहीं बैठाई गई बल्कि जिसकी विभाग में शिक़ायत की गई शिकायतों का निस्तारण उसी भ्रष्ट कर्मी द्वारा किया गया। वहीं इसी विभाग में कार्यरत केयर टेकर विमलापति ने भी गुमराह किया हुआ है तो वहीं क्रमिक विभाग के अधिकारी विद्या सागर ने भी शिक़ायतकर्ता के ज़वाब का कोई निस्तारण नहीं किया है। नगर निगम के ये विभाग के कर्मियों द्वारा एक दूसरे पर जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। लेकिन शिकायतकर्ता को व उच्च अधिकारियों को सच्चाई से दूर रखा जा रहा है और नगर निगम में बड़े झोल किए जा रहे हैं, बल्कि आउट सोर्सिंग में रिटायर्ड कर्मियों को पुनः नियुक्त किया जा रहा है। शिकायतकर्ता के अनुसार बताया जाता है कि पूर्व नगर आयुक्त द्वारा जारी किए पत्र में न ही कोई पत्रांक संख्या है और न ही कोई दिनांक है। वही नगर निगम के भ्रष्टाचारियों द्वारा नगर आयुक्त को धोखे में रख कर फर्जी तरीके से हस्ताक्षर करवा लिए गए थे। रिटायर्ड कर्मचारी को दुबारा उसी पद पर अगले दिन आउट सोर्सिंग के माध्यम से नियुक्ति कर दी गई थी। जो कि आज भी उसी पद पर रामजी अवस्थी कार्यरत है।