हज और कुर्बानी के मसलों में रहनुमाई के लिए अल शरईया हेल्पलाइन जारी की जा रही हैं। यह जानकारी जमीयत उलेमा के कार्यालय में शहर मौलाना मोहम्मद मतीनुल हक ओसामा कासमी साहब ने दी।इस मौके पर ऑल इंडिया इस्लामिक इल्मी अकैडमी कानपुर के सदर मुफ़्ती इकबाल अहमद कासमी,नायक सदर मुफ़्ती अब्दुल रशीद कासमी,जनरल सेक्रेटरी मौलाना खलील अहमद मजहिरी और जमीयत उलेमा उत्तर प्रदेश के नायब सदर मौलाना अमीनुल हक अब्दुल्ला काजमी के साथ-साथ अन्य लोग मौजूद थे। अकादमी के सदर मुफ़्ती इकबाल अहमद कासमी ने बताया कि जिल-हिज्जा के महीने में कुर्बानी से जुड़े बहुत से मसाले होते हैं जो आम लोगों को मालूम नहीं होते हैं।हज के मौके पर भी बहुत से सवालात सामने आते हैं और कभी-कभी लोग मसाला जानने के लिए परेशान होते हैं।। इन्हीं जरूर को ध्यान में रखते हुए इस्लामिक इल्मी अकादमी ने अल-शरईया हेल्पलाइन चलाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि मदीना मुनव्वरा की हाजिरी मस्जिद ए नवाबी में नमाज, सलाम के आदाब और हज के दौरान एहराम की तैयारी से लेकर मिना, अराफात, मुजदलिफा के अरकान, जमरत पर कंकरी मारना, हजामत तवाफ ए जियारत जैसे बहुत से मोड होते हैं जब लोग परेशान होते हैं और कोई उनकी सही रहनुमाई नहीं कर पता है हज कब और कैसे मकबूल व मबरूर बनता है हज के अरकान में कौन सा जरूरी है और कौन सा छूट जाए तो सदका देना पड़ता है यह सब सही तरीके से मालूम न होने की वजह से समस्याएं आती हैं। नायब सदर मुफ़्तीअब्दुल रशीद कासमी ने कहा कि इस तरह की कुर्बानी से जुड़े बहुत से मसलेहोते हैं जो लोग पूछना चाहते हैं परन्तु उनको सही जानकारी नहीं मिल पाती है
2025-05-25