क्रमांक: विसंकें/0525/001 दिनांक: 25 मई, 2025

तमस को चीर कर प्रकाश लाने वाला ही पत्रकार है: सुभाष जी
भारत में पत्रकारिता नाम नहीं था। यहां संदेश संप्रेषण शब्द का प्रयोग किया जाता था। आज पत्रकारिता का एक उद्देश्य है। पत्रकार एक योद्धा है, पत्रकार एक साधक है। पत्रकार बिकता नहीं है, पत्रकार ठहरता नहीं है। जो तमस को चीर कर प्रकाश लाता है, वही पत्रकार है। ये बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष जी ने विश्व संवाद केंद्र, कानपुर द्वारा बीएनएसडी शिक्षा निकेतन, कानपुर में आयोजित नारद जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं।
उन्होंने कहा कि पंजाब केसरी की स्थापना जगत नारायण ने की थी। जब पंजाब में खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों का अत्याचार था। तब उन्होंने अपने समाचार पत्र में इसकी चर्चा न कर, भारत और भारतीयता के बारे में लिखा। यही कारण था कि 1981 में आतंकवादियों के द्वारा उनकी हत्या कर दी गई। इसके बाद उनके पुत्र रमेशचंद्र ने अपने पिता की परंपरा को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। लेकिन उनकी भी हत्या 1984 में कर दी गई। इसी प्रकार इंडियन एक्सप्रेस के संस्थापक रामनाथ गोयनका ने भी बिना डरे आपातकाल के विरोध में लिखा। गीता प्रेस के संस्थापक हनुमान प्रसाद पोद्दार के द्वारा कल्याणी पत्रिका प्रारंभ की गई। पत्रिका सहित पूरा गीता प्रेस बिना किसी से विज्ञापन लिये अपने ट्रस्टियों के धन से चलता है। ये पत्रकार भारत और भारतीयता के लिए काम करते थे।
सुभाष जी ने बताया कि तुलसीदास ने रामचरित मानस में नारदजी को कोमल चित्त वाला दयालु संत लिखा है। नारद जी के प्रति आदर सभी के मन में था। चाहें वो जड़ हो या चेतन। उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर और महादेवी प्रसाद वर्मा की लेखनी के आधार पर नारदजी और पत्रकारिता के विषय में भी समझाया। उनके उद्बोधन से पहले डॉ. अनूप सिंह ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए कहा कि नारद जी के बारे में गलत धारणा स्थापित करने का प्रयास किया गया। नारद जी के बारे में जब तक हम लोगों को सही जानकारी नहीं देंगे, तब तक उन्हें वास्तविकता का पता नहीं चलेगा।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे कानपुर विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने अपने संबोधन में कहा कि पहले नारदजी के बारे में बहुत कुछ गलत कहा गया। हमारे मानकों को ध्वस्त किया गया। इसलिए हम उन पर संदेह करने लगे। नारद जी दो घड़ी से अधिक एक स्थान पर नहीं रुक सकते थे। इसके बाद भी उन्होंने ग्रंथों की रचना की। संवाद से विश्व के युद्ध भी समाप्त हो सकते हैं। नारद जी इसी संवाद के वाहक थे। आज पत्रकारों को सूचना के साथ ही उसकी एनालिसिस भी करनी चाहिए। सूचनाएं यदि समाज विरोधी हैं, तो उन्हें उसी रूप में प्रस्तुत नहीं किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालक आरएसएस, कानपुर के विभाग प्रचार प्रमुख आशीष प्रताप सिंह ने किया। विभाग सह प्रचार प्रमुख प्रवीण पाण्डेय ने मंचासीन अतिथियों का परिचय कराया और सभी आए हुए लोगों को धन्यवाद ज्ञापित भी किया। कानपुर पश्चिम के भाग प्रचार प्रमुख नीरज और कानपुर उत्तर के भाग प्रचार प्रमुख मनोज ने मंचासीन अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रांत संघचालक भवानी भीख, प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. अनुपम, प्रांत सह प्रचार प्रमुख रतन लाल, विभाग संघचालक डॉ. श्यामबाबू गुप्त व विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष अजीत अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।

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