*|| शनैश्चर (शनि )जयंती ||*
*26 मई 2025 सोमवार*
प्रत्येक जेयष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाई जाती है, इस बार शनि जयंती 26 मई 2025, सोमवार को रहेगी।
शनि ग्रह के प्रति अनेक आख्यान ज्योतिष शास्त्रों में प्राप्त होते हैं।शनिदेव को सूर्यदेव का पुत्र एवं कर्मफल दाता माना जाता है। लेकिन साथ ही पितृ शत्रु भी, शनि ग्रह के सम्बन्ध मे अनेक भ्रान्तियाँ और इस लिये उसे मारक, अशुभ और दुख कारक माना जाता है। पाश्चात्य ज्योतिषी भी उसे दुख देने वाला मानते हैं। लेकिन शनि उतना अशुभ और मारक नही है, जितना उसे माना जाता है। इसलिये वह शत्रु नही मित्र है। मोक्ष को देने वाला एक मात्र शनि ग्रह ही है। सत्य तो यह ही है कि शनि प्रकृति में संतुलन पैदा करता है, और हर प्राणी के साथ उचित न्याय करता है। जो लोग अनुचित विषमता और अस्वाभाविक समता को आश्रय देते हैं, शनि केवल उन्ही को दण्डिंत (प्रताडित) करते हैं।
वैसे तो प्रत्येक व्यक्ति को शनि की साढ़ेसाती, महादशा, ढैया इत्यादि से गुजरना पड़ता है लेकिन जो व्यक्ति संतुलित, संयमित, पवित्र आचरण व आध्यात्मिक हैं उन्हें शनि की किसी भी प्रकार की दशा महादशा ज्यादा परेशान नहीं करती।
यदि फिर भी किसी प्रारब्ध कर्म की वजह से आपको शनि की दशा महादशा में परेशानी उत्पन्न हो रही है, और आपकी जन्म कुंडली में शनि विपरीत स्थिति में हैं तो शनि ग्रह के शास्त्रीय उपाय करके आप अपने जीवन को परेशानी मुक्त कर सकते हैं और शनि ग्रह की कृपा प्राप्त कर सकते हैं//
कुछ तथाकथित ज्योतिष्यों द्वारा शनि ग्रह के नाम पर टीवी चैनलों व यूट्यूब चैनलों पर भय फैलाया जाता है और फिर उनके द्वारा फालतू के टोने टोटके में उलझा कर समय व धन दोनों की बर्बादी की जाती है, और ऐसे फालतू के उपाय व टोने- टोटके से रिजल्ट भी प्रतिकूल आते हैं और दुखी व्यक्ति और ज्यादा दुखी हो जाता है। अतः ध्यान रहे उपाय के नाम पर फालतू के टोने टोटके नहीं करने चाहिए क्योंकि ऐसा करने से नकारात्मक परिणाम मिलने की ज्यादा संभावना बढ़ जाती है और शनि ग्रह संबंधित उपाय व दान इत्यादि भी सावधानी से करने चाहिए