राकेश रावत कर्मचारी नेता प्रकरण राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग ने जारी की नोटिस

 

 

 

कानपुर विकास प्राधिकरण एवं कानपुर जिला अधिकारी को आयोग द्वारा नोटिस जारी कर समस्त कार्रवाई के प्रपत्र को मांगा गया है जिसमें प्राधिकरण द्वारा राकेश रावत के ऊपर राजनीतिक आरोप में यह सिद्ध किया था कि राकेश रावत द्वारा 218 घाटमपुर विधानसभा 2022 के चुनाव में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के साथ प्रचार प्रसार किया जा रहा है एवं वहां पर विधानसभा की जनता को प्रधानमंत्री आवास योजना का प्रलोभन दिया जा रहा है जबकि राकेश रावत द्वारा प्राप्त जिला अधिकारी महोदय की जन सूचना में स्पष्ट है कि कोई भी प्रत्याशी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का घाटमपुर से चुनाव नहीं लड़ा एवं कोई भी वीडियो /ऑडियो प्रलोभन देने वाला नहीं प्राप्त कर पाए अब ऐसा स्थिति में भविष्य में यह तो निश्चित हो गया है कि दोनों सक्षम अधिकारी में कोई एक विभाग झूठे आरोपों में फंसेगा जहां विकास प्राधिकरण द्वारा आरोपों को सिद्ध किया गया है वहीं जिला अधिकारी महोदय द्वारा आरोपों का खंडन किया गया है ऐसी स्थिति में आयोग क्या निर्णय लेगा यह तो समय बताएगा परंतु कर्मचारी नेता को कब न्याय मिलता है इसको देखना पड़ेगा जहां उनके द्वारा प्राधिकरण में भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमिताएं के मुद्दों को जोरदारी से उठाया गया वहीं पर उनके ऊपर कारवाई की गई जबकि अन्य कर्मचारियों द्वारा वर्तमान दिनांक तक राजनीतिक गतिविधियों में सम्मिलित होने के प्रमाण हैं उन अधिकारियों और कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं है अरविंद सिंह द्वारा बचाऊ सिंह कर्मचारी नेता के खिलाफ भी भ्रष्टाचार एवं राजनीतिक मुद्दे पर आरोप लगे थे जिस पर ना तो कोई स्पष्टीकरण जारी हुआ और ना ही निलंबन की कार्रवाई की गई सरकारी आचरण नियमावली 1956 के अनुसार धारा 4 में स्पष्ट है कि सभी कर्मचारियों के साथ समान व्यवहार किया जाए फिर उनके द्वारा ऐसा क्यों किया गया कि एक को सजा एक को अभय दान एवं विभाग द्वारा अनुशासन नियमावली 1999 के नियम 7 एवं 8 का भी उल्लंघन किया गया कर्मचारी नेता राकेश रावत द्वारा फर्जी रजिस्ट्री गिरोह के खिलाफ एविडेंस सहित शासन प्रशासन में कई पत्र भेजें उनको भी इनके द्वारा दबा दिए गए कोई कार्रवाई नहीं की गई माया बिल्डर जैसे गंभीर विषय पर भी उनकी शिकायत की गई देखना है कि कर्मचारी नेता को आयोग द्वारा क्या राहत मिलती है जहां कर्मचारी नेता भ्रष्टाचारियों के साथ-साथ अधिकारियों से भी मोर्चा खोले हुए जिसकी सजा उसको बर्खास्त होने से मिली है फिर भी कर्मचारी नेता राकेश रावत का कहना है की असत्य और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते रहेंगे

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