कानपुर, दिनांकः 03.06.2025
*कानपुर मेट्रो बन रहा शहर की लाइफलाइन, मेट्रो स्टेशन बन रहे सबके पसंदीदा सेल्फी प्वाइंट*
*यात्रियों को एस्केलेटर, लिफ्ट के इस्तेमाल से लेकर अन्य सुविधाओं के जरिए जागरुक कर रहा मेट्रो स्टाफ, दिव्यांग यात्रियों के लिए मुहैया करवाई जा रही व्हील चेयर और स्टेशन स्टाफ*
यात्री सेवाओं के विस्तार के बाद से ही कानपुर मेट्रो अपने यात्रियों के लिए एक लाइफलाइन के तौर पर उभरा है। क्या आम और क्या खास, मेट्रो में यात्री सेवा विस्तार के पहले दिन से ही टिकट खिड़कियों पर शहरवासियों की लंबी कतारें लगने लगीं। शहरवासियों के अंदर अपने शहर में अंडरग्राउंड मेट्रो से यात्रा को लेकर उत्साह चरम पर है। आरंभिक दिनों में बड़ी संख्या में यात्री सपरिवार मेट्रो राइड के लिए पहुंच रहे हैं। मेट्रो के सभी नए स्टेशन देखने और भूमिगत मेट्रो से यात्रा के रोमांच का अनुभव लेने की इच्छा के साथ यात्रियों में यह गर्व का भाव भी है कि अपने शहर में भी एक विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण सम्भव है।
आरंभिक दिनों में मेट्रो स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशन के स्टाफ के साथ-साथ अधिकारियों को भी नियुक्त किया गया है। मेट्रो प्रशासन की तरफ से इंफाॅर्मेशन डिस्प्ले, एएफसी, टिकटिंग आदि से जुड़ी समस्याओं का त्वरित समाधान कर, यात्रियों के लिए यात्रा को अधिक से अधिक सुगम और आसान बनाने का प्रयास किया जा रहा है। एलिवेटेड स्टेशनों के तरह ही अंडरग्राउंड स्टेशनों पर भी यात्रियों के लिए पेयजल, टॅायलेट आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं हैं। इसके साथ-साथ दिव्यांग यात्रियों के लिए लिफ्ट, व्हीलचेयर, ब्रेल लिपि में निर्देश, टेक्टाइल पाथ आदि प्रबंध किए गए हैं। स्टेशनों पर स्वच्छता का विशेष ख्याल रखा जा रहा है।
*स्टेशन पर सेल्फी*
स्टेशनों पर पहुंचते ही यात्रियों की अपने मित्रों और परिजनों के साथ सेल्फी खींचने की चाह प्रबल हो उठती है। यह मेट्रो स्टेशनों की भव्यता और स्टेशन की दिवारों पर लगे सुंदर आर्टवर्क का कमाल है, जिसे लोगों से इतना प्यार और अपनापन मिल रहा है। स्टेशनों पर लगाए गए आर्टवर्क में शहर की संस्कृति और परिवेश को संजोने का प्रयास किया गया है। कानपुर सेंट्रल स्टेशन में 1857 की क्रांति, स्थानीय बोली के लोक शब्द और घंटाघर को प्रमुखता से जगह दी गई है। चुन्नीगंज स्टेशन पर लाल इमली; बड़ा चैराहा स्टेशन पर गंगा आरती; नवीन मार्केट स्टेशन पर चूड़ी, लेदर बैग, ज्वैलरी जैसे स्थानीय उत्पाद और नयागंज स्टेशन की दीवारों पर गंगा मेला, रंगोली, समोसे, लड्डू और बाजार की हलचल को चित्रों में पिरोया गया है।