दिनांक: 04 जून, 2025

मुख्य बिंदु:

जन-शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं: जिलाधिकारी का कड़ा रुख।

खराब फीडबैक वाले विभागों पर गिरेगी गाज, 83% तक नकारात्मक प्रतिक्रिया चिंताजनक।

समय पर कार्रवाई न करने पर अधिकारियों के विरुद्ध होगी अनुशासनात्मक कार्यवाही।

प्रशासनिक छवि सुधारने और जन-विश्वास बहाल करने पर जोर।

जिलाधिकारी, कानपुर नगर द्वारा आई.जी.आर.एस. संदर्भों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हेतु कठोर निर्देश जारी

कानपुर नगर: जिलाधिकारी, कानपुर नगर, श्री जितेन्द्र प्रताप सिंह ने आज एक महत्वपूर्ण प्रेस नोट जारी करते हुए आई.जी.आर.एस. (एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली) संदर्भों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण को शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुशासन की आधारशिला होने के नाते, जन-सामान्य का विश्वास और संतुष्टि सीधे तौर पर इन संदर्भों के प्रभावी समाधान से जुड़ी है।

जिलाधिकारी द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि दिनांक 03 जून, 2025 को शासन द्वारा प्रस्तुत मूल्यांकन रिपोर्ट में विभिन्न विभागों द्वारा निस्तारित संदर्भों के सापेक्ष प्राप्त नकारात्मक फीडबैक का प्रतिशत चिंताजनक रूप से उच्च पाया गया है। विशेष रूप से, कुछ विभागों में यह नकारात्मक फीडबैक 83 प्रतिशत तक दर्ज किया गया है, जो विभागीय कार्यप्रणाली में गंभीर शिथिलता और नागरिकों की अपेक्षाओं की घोर अनदेखी को दर्शाता है।

जिलाधिकारी ने इस स्थिति को अत्यंत खेदजनक बताते हुए कहा कि यह कर्तव्य निर्वहन में स्पष्ट उदासीनता का द्योतक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह दर्शाता है कि संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा गंभीरतापूर्वक और गुणवत्तापरक ढंग से शिकायतों का निस्तारण नहीं किया गया है, अथवा उनके पर्यवेक्षणीय दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन नहीं किया गया है। इस गंभीर चूक के परिणामस्वरूप, जनपद की रैंकिंग प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुई है, जिससे जिले की प्रशासनिक छवि को भी गहरा आघात पहुंचा है।

इस गंभीर विषय पर तत्काल संज्ञान लेते हुए, जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों का दायित्व निर्धारण कर नियमानुसार आवश्यक एवं कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करें। सभी विभागों को दिनांक 09 जून, 2025 तक की समय-सीमा दी गई है, जिसके भीतर की गई कार्यवाही से अवगत कराना अनिवार्य होगा।

आज जिन अधिकारियों को विशेष रूप से पत्र प्रेषित किए गए हैं, उनमें श्री आर.एल. पटेल (सहायक श्रमायुक्त), श्री अरुण कुमार (जिला विद्यालय निरीक्षक), श्री रितेश सिंह (तहसीलदार-सदर), श्री अनूप मिश्रा (अधिशाषी अभियंता-प्रांतीय खण्ड, लोक निर्माण विभाग), श्रीमती रितुप्रिया (उप जिलाधिकारी-सदर), श्री आनन्द त्रिपाठी (महाप्रबन्धक जल कल), और नगर निगम शामिल हैं।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि निर्धारित समय-सीमा तक संतोषजनक रिपोर्ट प्राप्त न होने की स्थिति में संबंधित अधिकारी के विरुद्ध बिना किसी विलंब के अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु शासन को प्रस्ताव प्रेषित कर दिया जाएगा। यह निर्देश सभी विभागों के अधिकारियों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि आई.जी.आर.एस. के माध्यम से प्राप्त जन-शिकायतों के निस्तारण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान करना सभी का परम कर्तव्य है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *