मुल्ला कलीम और उस जैसे कई मुल्ला अपने अपराधों पर पर्दा डालने के लिए शिया सुन्नी दंगे कराने की साज़िश रच रहे हैं:सूफ़ी कौसर मजीदी।

 

कानपुर नगर। भारत में गज़वा ए हिंद एजेंडे के तहत पाकिस्तानी पैटर्न की मज़हबी हिंसा भड़काने का प्रयास कर रहे, पाकिस्तान के बरेलवी मसलकी दहशतगर्द मुल्लाओं के समर्थक कलीम रजवी ह़नफी,जिसके द्वारा धार्मिक मंचों से अश्लील अमर्यादित और आपराधिक तकरीरों को किया जाता है, उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई के लिए, सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन अखिल भारतीय स्तर पर ज्ञापन अभियान चला रहा है,जिसके चलते सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी के नेतृत्व में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित ज्ञापन, पुलिस उपायुक्त कानपुर दक्षिण पुलिस कमिश्नरेट को दिया गया।

इस संबंध में अपना बयान जारी करते हुए सूफी खानकाह एसोसिएशन राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी ने कहा कि,हिंदुस्तान 1947 में बड़ी कुर्बानियों के साथ आज़ाद हुआ था,हमारे बुजुर्गों ने अपनी जान माल की कुर्बानी दे कर अंग्रेजों को मुल्क छोड़ने पर मजबूर किया,लेकिन जिन्ना की नापाक सियासत जो हिंदू और मुसलमानों के खून की प्यासी थी,मुल्क को इस्लाम और शरीयत के नाम पर बांटने के लिए जिन्ना और उसके साथी मुल्लों ने लाखों हिंदू और मुसलमानों का खून बहा कर पाकिस्तान बनवाया,धर्म के नाम पर लड़ मर कर दफन होने के लिए हमारे बुजुर्गों ने उन्हें बहुत बड़ा कब्रिस्तान देकर हिंदुस्तान को सभी मजहब और विचारधारा के लोगों को उनके स्वतंत्र विचारों को अभिव्यक्ति देने वाला आदर्श और लोक तांत्रिक लोक कल्याण कारी राज्य बनाया।

उन्होंने कहा कि किन्तु आज फिर जिन्ना और उसके मुल्लों की साजिशें मुल्क हिंदुस्तान में गज़वा ए हिंद एजेंडे के साथ परोसी जा रही हैं,1400 साल से मुसलमानों के विवादित धार्मिक बिंदुओं को पाकिस्तानी तर्ज़ पर फ़साद करके भारत में मुनाजिरों और धार्मिक मसलकी जलसों की आपराधिक अश्लील और गाली गलौज वाली तकरीरों के ज़रिए लागू करने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त बरेलवी मसलकी दहशतगर्द मुल्लों के एजेंट कलीम और कुछ अन्य मुल्लों के द्वारा धर्म का आंतरिक मामला बताकर धार्मिक बहसों के जरिए देश में शिया सुन्नी सूफी और अन्य उदारवादी मुसलमानों का कत्ल ए आम करने की साज़िश की जा रही है, उन्होंने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि देश का संविधान सभी को अपनी आस्था के अनुसार जीवन जीने का अधिकार देता है तो फिर धार्मिक जलसों की गाली गलौज का उद्देश्य सिर्फ देश में दंगे फसाद करवा कर देश को कमजोर करने की साज़िश पाकिस्तान के हित के लिए की जा रही है, उन्होंने कहा कि देश के बुद्धिजीवी और पढ़े लिखे समाज के लोगों को खुद सोशल मीडिया पर देखना चाहिए कि इनके बयान धार्मिक हैं या सड़कछाप मवाली की भाषा।

उन्होंने कहा कि मुल्ला कलीम और कई अपराधिक पृष्ठभूमि वाले मुल्ला मौलवी अपने अपराधों को धर्म की आड़ में छुपाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं,इनकी जांच करवा कर इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

इस मौके पर सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन कानपुर इकाई के पदाधिकारियों जिनमें आदिल रहमती, दिलशाद रहमती,इमरान रहमती , आसिफ़ रहमती, प्रशांत रहमती, शिवा रहमती, उजैर रहमती,मुनीर रहमती, अरशान रहमती, मुदस्सिर रहमती,वकार रहमती आदि मौजूद रहे।

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