कानपुर

 

युवती को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के मामले में आज कानपुर कोर्ट ने दो भाइयों को दोषी करार देते हुए 5-5 साल की सजा सुनाई। दिसंबर 2010 में छेड़खानी से तंग आकर युवती ने आग लगाकर जान दे दी थी। 14 साल बाद पीड़िता के परिजनों को इंसाफ मिला।

 

8 दिसंबर 2010 की घटना

 

नरवल थानाक्षेत्र निवासी युवक ने बताया कि मेरी बहन से गांव के ही दो भाई महेंद्र व सुरेंद्र छेड़खानी करते थे और शादी करने का दबाव बनाते थे। 8 दिसंबर 2010 को आरोपी घर के सामने बैठ कर बहन से छेड़खानी कर रहे थे। मना करने पर धमकाया। पीड़ित ने मामले की जानकारी गांव के प्रधान मुन्ना सिंह उर्फ इंद्रभान को दी।जिस पर प्रधान ने आरोपियों का पक्ष लेते हुए बहन को खरी-खोटी सुनाई। जिससे आहत होकर शाम 5:30 बजे बहन ने मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा ली। परिजनों ने उसे उर्सला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतका के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने महेंद्र, सुरेंद्र व ग्राम प्रधान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी।मामला एडीजे-18 राकेश कुमार तिवारी की कोर्ट में ट्रायल पर था। ट्रायल के दौरान ग्राम प्रधान की मौत हो गई। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले में 8 गवाह कोर्ट में पेश किए गए थे। कोर्ट ने आरोपी भाईयों को दोषी करार देते हुए 5 साल कैद व 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई

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