अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस

 

योग भारत की प्राचीन परंपरा का अमूल्य उपहार

 

कानपुर।विश्व योग दिवस के अवसर पर शनिवार को पूरे शहर मे योग की धूम रही।सुबह सबेरे से ही लोग पार्को व सार्वजनिक स्थानों पर योग के लिए निकल पडे।लोगों के उत्साह को देख ऐसा लग रहा था कि जैसे वे कोई पर्व मनाने जा रहे हो।

शहर का कोई ऐसा पार्क नही था जंँहा योग के कार्यक्रम आयोजित न किए जा रहे हो।हर जगह बरसात के बावजूद लोगों का उत्साह देखते बन रहा था ।बच्चे ,महिलाएं व नौजवान सभी योग करते नजर आए।बुजुर्गों ने भी इस योग दिवस पर पार्को मे योग गुरुओ के सानिध्य मे खूब हाथ-पैर चलाए।इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम है ‘योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ

 

गोबिन्द नगर स्थित आर्य कन्या इण्टर कालेज मे पंतजलि योग समिति, युवा भारत कानपुर दक्षिण,आरोग्य भारती कानपुर दक्षिण के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में बडी संख्या मे लोग योग करने पहुंचे।यंहा योगाचार्या श्रीमती डा.सन्तोष अरोड़ा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने एवं योग को वैश्विक पहचान देने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं योग गुरु बाबा रामदेव जी की महत्वपूर्ण भूमिका है। मोदी जी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के पश्चात अनेक ऐसे सराहनीय कार्य किए हैं जिससे वैश्विक स्तर पर भारत की एक नई पहचान स्थापित हुई है ।इनमें योग भी सम्मिलित है। योग भारत की प्राचीन परंपरा का अमूल्य उपहार है। यह मन और शरीर की एकात्मता, विचार और कार्य, संयम और सम्पूर्णता,मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य, स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण का प्रतीक है। यह व्यायाम के बारे में नहीं है अपितु अपने आप को दुनिया और प्रकृति के साथ एकता की भावना की खोज करने के लिए है।योग हमारी जीवन शैली को बदलकर और चेतना जागृत कर कल्याण में सहायता कर सकता है। वास्तव में योग हमारे मन मस्तिष्क को स्थिरता प्रदान करता है। शांति प्रदान करता है ।धैर्य प्रदान करता है ।योग मनुष्य के आत्म बल में वृद्धि करता है ।उसका आत्मविश्वास बढ़ाता है ।आज के तनाव के युग में योग और भी महत्वपूर्ण एवं उपयोगी हो जाता है।हमें अपनी व्यस्त दिनचर्या में से कुछ समय योग के लिए भी अवश्य निकालना चाहिए। 24 घंटे में एक घंटा स्वयं के लिए अर्थात शरीर के लिए देना चाहिए।योगाभ्यास शिविर में योग शिक्षक ने ओम का उच्चारण, त्राटक क्रिया, सिद्धासन, सूर्य नमस्कार, सिंहासन, ताड़ासन भ्रामरी प्राणायाम, अनुलोम विलोम, कपालभाति, भुजंगासन, शवासन समेत अन्य योगाभ्यास करते हुए इनके लाभ एवं महत्व पर प्रकाश डाला।

इसके पूर्व दीप प्रज्जवलन कर योग के कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। संचालन चन्द्रकान्ता गेरा ने किया।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रकाश वीर आर्य,भूपेश अवस्थी, पूजा आर्य, अनिल त्रिपाठी,नवीन पंडित,सुनील नारंग,दीपू पासवान,दिव्यांशु बाजपेई,सुरेन्द्र गेरा,कृपा आर्य,वंश आर्य,श्वेता सचदेव, सत्येन्द्र बाबू,दीपक सखूजा आदि रहे।

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