कानपुर

 

*इमाम हुसैन की याद में आलम ज़री का निकला गया जुलूस,,*

 

*जुलूस में हजारों की संख्या में अकीदतमन रहे मौजूद,,*

 

*हुसैनियों ने अलम ज़री को चूमकर मांगी दुआ,,*

 

 

पटकापुर नवाब साहब हाते से निकाला गया अलम ज़री का जुलूस,,

 

कानपुर के शहर के बीचोबीच ऐतिहासिक पटकापुर नवाब साहब हाते से अलम ज़री का निकाला गया जुलूस,,

अंजुमन रिज़विया द्वारा अलम ज़री का जुलूस निकाला गया जो शिवाले से उठकर अंधी बुढ़िया का चौराहा, राम नारायण बाजार की गलियों से होता हुआ नवाब साहब के हाते में स्थित महल इमाम बारगाह में जाकर जुलूस का समापन हुआ,,,

ये वो जुलूस है जो नवाबों के दौर से उठाया जा रहा है,,

जब ये जुलूस निकाला जाता है तो पूरे कानपुर शहर को पता चल जाता है आज मोहर्रम की पहली तारीख हो गई,,

*वहीं* जुलूस के दौरान दूर दराज से आए उलेमाओं ने शिरकत कर सोजखानी कर इमाम हुसैन की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया हुसैनी वही है जो हक की बात करे और मजलूमों की मदद करे जो दहशतगर्द होते है वो कभी हुसैनी नहीं हो सकते हज़रत इमाम हुसैन ने इंसानियत के लिए अपनी जान तक को कुर्बान कर दिया था उनकी कुर्बानी की मिसाल आज तक दी जाती है,,

दूसरी तरफ रिजबिया अंजुमन ने नोहा खानी कर सीना ज़नी की,,

जुलूस के अंत में अजादारों ने देश मे अमन चैन की दुआ क

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