कानपुर

 

जातीय उत्पीड़न के मामलों पर कार्रवाई की मांग को लेकर भारतीय दलित पैंथर ने सौंपा ज्ञापन

 

कठोर कार्यवाही की करी मांग

 

कानपुर, 30 जून 2025 —

भारतीय दलित पैंथर उत्तर प्रदेश इकाई ने आज कानपुर नगर के जिलाधिकारी के माध्यम से भारत की महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं उप्र के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा । ज्ञापन के माध्यम से भारतीय दलित पैंथर के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनीराम पैंथर ने जातीय उत्पीड़न की लगातार बढ़ती घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।

 

ज्ञापन के माध्यम से कहा गया कि भारतीय संविधान की आत्मा समानता, स्वतंत्रता और सामाजिक न्याय पर आधारित है, जिसकी रचना बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने की थी। परंतु वर्तमान समय में दलितों, पिछड़ों और वंचित वर्गों पर लगातार हो रहे अत्याचार संविधान की मूल भावना का उल्लंघन हैं। ज्ञापन में सात प्रमुख घटनाओं का उल्लेख भी किया गया, जिनमें इटावा, बिहार, उड़ीसा, कौशाम्बी, मैनपुरी, प्रतापगढ़ और फतेहपुर में दलितों, आदिवासियों और वंचित वर्ग के साथ दुष्कर्म, हत्या, सामाजिक अपमान और उत्पीड़न की गंभीर घटनाएं शामिल हैं। इन घटनाओं के दोषियों पर सख्त कार्रवाई और पीड़ितों को सुरक्षा देने की मांग की गई है।

 

दलित पैंथर की ओर से ज्ञापन देने पहुंचे प्रतिनिधियों ने प्रशासन से मांग की कि इन घटनाओं की त्वरित और निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि समाज में भयमुक्त और न्यायपूर्ण वातावरण बन सके। प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि भारत की पहचान विविधता में एकता की रही है, और दलितों के साथ हो रहे अत्याचारों पर नियंत्रण न होने से यह छवि धूमिल हो रही है। इसलिए संविधान सम्मत कार्यवाही कर देश की गरिमा और अखंडता को सुरक्षित रखा जाए।

 

ज्ञापन सौंपने के दौरान भारी संख्या में सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। प्रशासन ने ज्ञापन प्राप्त कर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।

 

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