कानपुर
कानपुर के गंगा बैराज पर मछली माफिया कर रहे अपनी जान से खिलवाड़।कानपुर के गंगा बैराज में नहीं थम रहा मछलियों का अवैध शिकार,पुलिस प्रशाशन वही दिखा बेकार।
वही सिंचाई विभाग के दर्जनों सिक्यूरिटी गार्ड बने मूकदर्शक मछुआरों को दे रकखी अंदर जाने की खुली छूट,अगर होता है कोई हादसा तब कौन होगा जिम्मेदार।
अटल घाट पर खड़ा सरकारी स्टीमर प्रशाशन और जिम्मेदार अधिकारियों को मुंह चिढ़ाता आया नजर,स्टीमर होने के बाबजूद लगातार हो रहा मछलियों का शिकार।
गंगा नदी में जो मछलियों को मत्स्य विभाग की तरफ से नैनी और कतला मछलियां छोड़ी जाती है ताकि गंगा नदी की गंदगी खत्म हो सके,उनको भी पापियों ने अपना आहार बनाया।
गंगा बैराज में रोजाना कई कुंतल मछलियों का होता है शिकार, जिससे अच्छा खासा व्यापार चल रहा है।आखिर कानपुर कमिश्नरेट पुलिस कब तक अपने आंख कान में तेल डाल कर होने देगी। शिकार, रोजाना कानपुर कमिश्नरेट पुलिस को कुंभकर्णी नीद से जागने का प्रयास कर रहे है।