कानपुर। शहर में जेएनएनयूआरएम योजना के तहत पूर्व में डाली गई घटिया पेयजल लाइन को दुरुस्त करने का कार्य जारी है। 15वें वित्त आयोग के तहत जारी 139.38 करोड़ रुपये से 14.38 किमी. पुरानी पेयजल लाइन में जीआरपी (लोहे के पाइप) डाले जा रहे हैं। लेकिन, इस कार्य के बाद भी पूरे शहरवासियों की प्यास बुझना मुमकिन नहीं है। जेएनएनयूआरएम योजना के तहत किए गए अभी भी 41.46 फीसदी कार्य अधूरे हैं। आपको जानकार हैरानी होगी कि 15 वर्षों में महज 2.64 फीसदी घरों में ही नलों का संयोजन हो पाया है। ऐसे में जलनिगम ने बचे कार्यों को पूरा करने के लिए फिर से 581.65 करोड़ रुपये की मांग की है।जेएनएनयूआरएम योजना के तहत 2007-08 एवं 2009-10 में कार्यों की शुरुआत हुई। कल्याणपुर, आर्यनगर, सीसामऊ, गोविंद नगर, किदवई नगर, कैंट, महारापुर क्षेत्र में लगभग 18 लाख की जनसंख्या को पानी देने के लिए इनर ओल्ड एरिया की पेयजल योजना फेस – 1 में 455.24 करोड़ लगने थे, जिसमें 393.93 करोड़ जारी किया गया। 61.31 करोड़ आज तक जारी नहीं हुआ है। नगर के अवशेष क्षेत्रों में पेयजल योजना फेज-2 में पुनरीक्षित लागत 475.15 करोड़ थी। 2009-10 तक क्रियांवित किए जाने वाले कार्यों के लिए शासन ने 475.15 करोड़ जारी किया। दोनों योजनाओं में कुल 869.08 करोड़ रुपये शासन से जारी हुए। जिसका शतप्रतिशत उपयोग करते हुए योजना का 58.54 प्रतिशत कार्य पूरा किया गया। जबकि 41.46 प्रतिशत कार्य अपूर्ण, अक्रियाशील, अद्योमानक छोड़ दिया गया।

योजना के तहत 3 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनने थे जो बन गए हैं। इसी तरह 3 रॉ वाटर संप वेल बनाने का कार्य भी 100 फीसदी हो गया। लेकिन, 117.46 किमी पड़ने वाली क्लियर वाटर फीडरमेन में 43 फीसदी कार्य किया गया। योजना में 45 ओवर हेड टैंक बनने थे, जिसमें से 30 बन गए हैं। 15 नहीं बने। इसमें कुल 66.67 फीसदी कार्य हुआ। सीडब्ल्यूआर 73 बनने थे जिसमें 56 फीसदी कार्य हुआ। आईपीएस 3 बनने थे जिसमें 1 बना और 2 अधूरे हैं यह कार्य 33.33 फीसदी कार्य हुआ। डिस्ट्रीब्यूशलन लाइन 1745 किमी. पड़नी थी जिसमें 31.23 फीसदी पूरी है। 3 लाख घरों में कनेक्शन होना था यह कार्य महज 2.64 फीसदी हुआ है। आज तक 7,920 घरों में ही पाइप लाइन का कनेक्शन दिया गया। ट्यूबवेल 16 बनने थे यह कार्य लगभग 93.75 फीसदी हो गया। ओवरऑल 58.54 फीसदी कार्य हो पाया है।

जलनिगम नगरीय के अधिशाषी अभियंता प्रवीण यादव ने कानपुर जिलाधिकारी और नगर आयुक्त सुधीर कुमार को पत्र भेजकर योजना के अवशेष छोड़े गये 41.46 प्रतिशत कार्य को पूरा करने के लिए 581.65 करोड़ रुपये की स्वीकृति और धनराशि जारी करने की मांग की है।अधिशाषी अभियंता प्रवीण यादव ने जिलाधिकारी और नगर आयुक्त को बताया कि अपूर्ण, अक्रियाशील, अद्योमानक कार्य के लिए उत्तरदायी अधिकारियों और अनुबन्धित फर्मों के विरुद्ध जल निगम मुख्यालय स्तर से जांच के बाद उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुये कार्यवाही की गयी। 24 अभियन्ताओं के विरुद्ध थाना फजलगंज में मुकदमा, फर्म मैसर्स रैमकी इंफ्रा स्ट्रक्चर लि. हैदराबाद के विरुद्ध भी मुकदमा पंजीकृत कराया जा चुका है। विभाग द्वारा फर्म को काली सूची में डालने की कार्रवाई भी की जा रही है। फर्म की जमानती धनराशि 23.70 करोड़ जब्त की गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *