*आसरा आवास योजना, घाटमपुर के निर्माण कार्य का डीएम ने किया निरीक्षण*

 

*परियोजना में अनावश्यक विलंब पर लगाई फटकार, सीडीओ को सौंपी जांच*

 

जिलाधिकारी श्री जितेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा आज घाटमपुर स्थित आसरा आवास योजना के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया गया। 784 भवनों का स्ट्रक्चर तैयार होने के बावजूद किसी भी आवंटी को अब तक आवास न मिलने पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी व्यक्त की और इस परियोजना के क्रियान्वयन में हुई अनावश्यक देरी की जांच मुख्य विकास अधिकारी को सौंपने के निर्देश दिए।

 

कार्यदायी संस्था सीएनडीएस द्वारा वर्ष 2013 में शहरी गरीबों के लिए इस परियोजना की शुरुआत की गई थी, जिसके अंतर्गत कुल 840 आवास, ओवरहेड टैंक, बोरिंग व पंप हाउस, जलापूर्ति व सीवर लाइन जैसे कार्य प्रस्तावित थे। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी को बताया गया कि अब तक लगभग 35 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, फिर भी योजना का कोई प्रत्यक्ष लाभ लाभार्थियों तक नहीं पहुँच सका है। इस पर जिलाधिकारी ने जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई।

 

परियोजना प्रबंधक सर्वेश कुमार वर्मा द्वारा जानकारी दी गई कि वर्ष 2019 से निर्माण कार्य रुका हुआ है और अब केवल सैनिटरी तथा विद्युत फिटिंग जैसे कार्य शेष हैं, जिनके लिए अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता है। यह भी अवगत कराया गया कि सितम्बर 2024 में 784 आवासों के सापेक्ष लॉटरी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है।

 

डीएम ने परियोजना में विलंब के संबन्ध में अधिशासी अधिकारी घाटमपुर नगर पालिका की जवाबदेही एवं जिम्मेदारी तय करने के संबन्ध में आरोपपत्र देने के भी निर्देश दिए।

 

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जुलाई माह के अंत तक सुरक्षा उपायों के साथ पात्र लाभार्थियों को आवास आवंटित कर शिफ्ट कराया जाए।उन्होंने स्पष्ट कहा कि अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी और समयबद्ध कार्यवाही न होने के कारण शहरी गरीब अब तक इस योजना से वंचित हैं। परियोजना से संबंधित शेष बचे कार्यों को पूर्ण कराने हेतु नगर पालिका घाटमपुर को निर्देशित किया गया है कि वे अपने संसाधनों अथवा सूडा/डूडा से आवश्यक धनराशि की व्यवस्था कर अविलंब कार्य पूर्ण कराएं, जिससे लाभार्थियों को शीघ्र आवास मिल सके।

 

जिलाधिकारी ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि लगभग दस वर्षों के बाद भी यह परियोजना अधूरी पड़ी है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि अब किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इस देरी के लिए उत्तरदायी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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