
श्री गुरु रामदास का पावन प्रकाश आगमन उत्सव संगत जोड़ मेला गुरुमत समागम
कानपुर, सिखवेल्फेयर सोसाइटी व गुरुद्वारा बाबा नामदेव समिति द्वारा हर साल की तरह इस साल भी 05 अक्टूबर को श्री गुरु रामदास जी का पावन प्रकाश आगमन उत्सव संगत जोड़ मेला गुरुमत समागम के रूप में जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि उनका जन्म चूना मंडी लाहौर, पाकिस्तान में हुआ था। इनके द्वारा गुरु रामदास नगर अमृतसर शहर बसाया गया।वहीं पर सिखों के सर्वोच्च धार्मिक स्थल दरबार साहिब का निर्माण जो कि पूरे विश्व में एकता एवं अखण्डता का प्रतीक बना, उनके नाम का संदेश देते हुए एक पंथ एक संगत आध्यात्मिक कर्ता के अमृत सरोवर में स्नान करके अपनी अगाध भक्ति, त्याग और गुणों के धारण करने का सबसे बड़ा प्रसिद्ध इतिहास बना जो विश्वविख्यात है।उनके बारे में महान कीर्तनिया गुरुप्रेम सिंह जी ने शब्द:“जिन सिरिया तिन सावरिया धन-धन रामदास गुरु।”“मन चाओ भवन प्रभु आये सुनिअहु गृह मंदर बनिअ।”शब्द व वाहे गुरु का सिमरन कराया गया।
लुधियाना से आये भाई बलजीत सिंह द्वारा शब्द —
“राज योग तख्त दीआन गुरु रामदास।”
शब्द व वाहे गुरु का सिमरन कराया गया।“चौती सृृष्टि सकल तारन को अब गुरु रामदास को मिली बड़ाई।”
कानपुर की समस्त सिख संगतों और बंधुओं द्वारा श्री अरदास साहिब का पाठ किया गया।
विशेष रूप से आये हुए संगतों का सम्मान सरोपा वितरित किया गया। आतिशबाज़ी, दीपमाला व लंगर का आयोजन हुआ।कानपुर के समस्त सिख संगत बंदुओं द्वारा विशेष रूप से सेवा करते हुए यंगमैन एसोसिएशन के सेवादारों द्वारा जोड़ो व लंगर बरताने की सेवा की गई।विशेष रूप से अशोक अरोड़ा व अमर्जीत सिंह पम्मी के परिवार द्वारा आयी हुई संगतों का सत्कार सम्मान किया गया।समागम मे सरदार नीतू सिंह रजत सिंह तलवार करमजीत सिंह अशोक अरोड़ा मन्नू अरोड़ा राजा अरोड़ा चरणजीत सिंह गुरदीप सहगल कुलवंत सिंह इसरानी जी लोकेश तेजिंदरपाल सिंह रुपिंदर सिंह मौजूद रहे!
