कानपुर

सरकारी प्रतिष्ठानों का निजीकरण किए जाने व एससी एसटी के छात्र-छात्राओं का 0% बैलेंस पर शिक्षण संस्थानों में एडमिशन न लेने तथा प्रदेश की जेल में अधिकतर आदिवासी एससी एसटी और मुस्लिम समुदाय के निर्दोष लोगों के बंद होने की घटनाओं के विरोध में भारतीय दलित पैंथर के बैनर तले कार्यकर्ताओं ने आज जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया और महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। इस प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए पैंथर धनीराम बौद्ध ने कहा कि रामभद्राचार्य द्वारा भारतीय संविधान के निर्माता भारत रत्न डॉक्टर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी पर अभद्र व मर्यादित टिप्पणी करने वाले के विरुद्ध मुकदमा पंडित पंजीकृत कर तुरंत जेल भेजा जाए तथा अनिरुदचार्य द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई पर की गई अभद्र व अमर्यादित टिप्पणी उनकी दूषित मानसिकता का प्रतीक है तथा राष्ट्र संरक्षित संविधान की अवहेलना किए जाने पर रास्तों का मुकदमा पंजीकृत किया जाए और उन्हें जेल भेजा जाए।श्री पैंथर ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय परिसर नई दिल्ली में मुख्य न्यायाधीश के ऊपर मनुवादी विचारधारा के अधिवक्ता राकेश किशोर द्वारा जूता फेंकने की घटना करने वाले के विरुद्ध राष्ट्रद्रोह का मुकदमा कायम कर उसे जेल भेजा जाए। तथा सरकारी प्रतिष्ठानों के निजीकरणों पर रोक लगाई जाए। इस प्रदर्शन में पैंथर धनी राव के साथ-साथ विनोद पाल सैयद तौफीक अहमद विद्यासागर तथा आकाश सिंह पागल समेत अन्य लोग मौजूद थे।

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