कानपुर

 

कानपुर में नकली दवा रैकेट का खुलासा, मरीजों की जान को खतरा!, पुलिस आयुक्त से कार्यवाही की गुजारिश

 

 

शहर के एक प्रतिष्ठित आवासीय क्षेत्र रावतपुर स्थित हृदय रोग संस्थान के पास आशीष मेडिकल स्टोर द्वारा नकली और जानलेवा दवाएं बेचे जाने का भंडाफोड़ हुआ है। एक दवा निर्माता कंपनी के मालिक ने पुलिस आयुक्त को लिखे शिकायत पत्र में इस रैकेट और प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

 

*असली कंपनी ने की शिकायत*

 

शिकायतकर्ता अभिषेक मिश्रा, जो MABIZ फार्मास्यूटिकल (OPC) प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजर हैं, ने बताया कि उनकी कंपनी की रजिस्टर्ड दवा ‘नियोहार्ट-6.4’ (NEOHEART-6.4) की नकल करके एक समान नाम ‘नियोहार्ट 4.6’ (NEOHERATH 4.6) की नकली दवा आशीष मेडिकल स्टोर द्वारा बेची जा रही है। हैरानी की बात यह है कि इस नकली दवा पर भी असली कंपनी का लोगो ‘MABIZ’ प्रिंट है।

 

*मरीजों की जान के साथ खिलवाड़*

 

श्री मिश्रा ने आगे बताया कि यह नकली दवा हृदय रोग के मरीजों को दी जा रही है, जो उनकी जान के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है। इससे न केवल मरीजों की सेहत को नुकसान हो रहा है, बल्कि उनकी कंपनी की साख भी धूमिल हो रही है।

 

*अपराधी प्रवृत्ति के मालिक पर आरोप*

 

शिकायत में आशीष मेडिकल स्टोर के मालिक अशोक सिंह (उर्फ आशीष सिंह) को एक “शेरपुस्त अपराधी प्रवृत्ति” का व्यक्ति बताया गया है। आरोप है कि वह लगातार कई वर्षों से इस अवैध धंधे में लिप्त है और जो भी शिकायत करता है, उसे बहला-फुसलाकर या डरा-धमकाकर चुप करा देता है।

 

*प्रशासन पर लगे गंभीर आरोप*

 

सबसे चौंकाने वाला आरोप यह है कि इस मेडिकल स्टोर के खिलाफ पूर्व में भी कई शिकायतें दर्ज कराई गईं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। श्री मिश्रा ने सीधे तौर पर आरोप लगाया है कि मेडिकल स्टोर का मालिक “औषधि विभाग के सभी कर्मचारियों को अपने प्रभाव में रखता है।”

 

*मांग की गई त्वरित कार्रवाई की*

 

शिकायतकर्ता ने पुलिस आयुक्त से इस मामले को गंभीरता से लेते हुए, आशीष मेडिकल स्टोर और उसके मालिक के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई शुरू करने की मांग की है। उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए शीर्ष स्तर पर हस्तक्षेप की अपील की है।

 

*अगली कार्रवाई पर सबकी नजर*

 

यह मामला नकली दवाओं के खतरनाक काले बाजार और नियामक तंत्र की alleged विफलता की ओर इशारा करता है। अब देखना यह है कि पुलिस और औषधि विभाग इस गंभीर शिकायत पर कितनी तेजी और गंभीरता से कार्रवाई करते हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा यह मामला शहरवासियों के लिए बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है।

 

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