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भाभी की सम्पति पर देवर का कब्ज़ा, जानिए कानपुर में कहां का है मामला, अब खाकी के हाथ है फैसला

 

भाभी की सम्पति पर देवर का कब्ज़ा, जानिए कानपुर में कहां का है मामला, अब खाकी के हाथ है फैसला

 

उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 72 वर्षीय विधवा महिला कमला देवी ने अपने ही अधिवक्ता देवर हरिपाल सिंह पर जमीन और मुआवजे की ठगी के गंभीर आरोप लगाए हैं। वृद्ध महिला ने प्रशासन और पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है, साथ ही पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

 

जमीन के मुआवजे में गड़बड़ी का आरोप

 

कमला देवी, जो हरजेन्दर नगर की निवासी हैं, ने बताया कि उनकी जमीन एयरपोर्ट विस्तार परियोजना के अंतर्गत अधिग्रहित हुई थी। जमीन का आराजी नंबर 1138 बताया गया है। पीड़िता का कहना है कि इस जमीन का जो मुआवजा सरकार से मिलना था, वह उनके देवर हरिपाल सिंह ने कूटरचित (फर्जी) दस्तावेजों के माध्यम से खुद ले लिया।

 

कमला देवी के अनुसार, उनके पति का नाम भी दस्तावेजों में जानबूझकर गलत दर्ज कराया गया ताकि जमीन का मुआवजा उनके नाम पर न आए। यह सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से किया गया।

 

चेक बुक का दुरुपयोग कर कराया केस दर्ज

 

कमला देवी ने आगे बताया कि उन्होंने अपने बेटे की बुरी लतों से बचाव के लिए अपनी चेकबुक अपने देवर हरिपाल सिंह को सौंप दी थी, ताकि उसका गलत इस्तेमाल न हो। लेकिन इसी चेकबुक का उपयोग करके हरिपाल सिंह ने अपने ड्राइवर दुर्गेश और सहयोगी जयचंद्र के नाम से** चेक बाउंस कराए और उनके खिलाफ N.I. Act (Negotiable Instruments Act) के तहत मुकदमे दर्ज करा दिए।

 

हालांकि, कमला देवी की बेटी ने वर्ष 2021 में ही चेकों पर स्टॉप पेमेंट करवा दिया था, फिर भी फर्जी मामलों का सिलसिला नहीं रुका। इस वजह से वृद्धा को न केवल आर्थिक नुकसान हुआ बल्कि मानसिक रूप से भी परेशान किया गया।

 

सहयोगियों पर भी लगे आरोप

 

पीड़िता ने यह भी बताया कि उनके देवर हरिपाल सिंह को विमल सिंह नामक व्यक्ति का सहयोग प्राप्त है। यह व्यक्ति खुलेआम धमकी देता है कि यदि मुआवजे की रकम का आधा हिस्सा नहीं दिया गया, तो वह उन्हें “जेल में चक्की पिसवाने” की स्थिति में ला देगा।

 

इस तरह के धमकी भरे शब्दों ने कमला देवी को भयभीत कर दिया है। उन्होंने कहा कि एक वृद्ध विधवा महिला को इस प्रकार परेशान किया जाना अत्यंत अमानवीय और शर्मनाक है।

 

पुलिस में शिकायत और जांच की मांग

 

कमला देवी ने स्थानीय थाना क्षेत्र में पूरे प्रकरण की शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने मांग की है कि आरोपियों पर आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 506, 384 सहित N.I. Act के दुरुपयोग की जांच की जाए।

 

पीड़िता ने कहा कि उनकी उम्र और स्थिति को देखते हुए प्रशासन को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जबकि मामला पूरी तरह से दस्तावेजों और साक्ष्यों पर आधारित है।

 

प्रशासन और महिला आयोग से लगाई गुहार

 

कमला देवी ने न केवल पुलिस में शिकायत की, बल्कि जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और महिला आयोग से भी न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि एक वृद्ध विधवा महिला के साथ ठगी और उत्पीड़न की घटना समाज के लिए शर्म की बात है।

 

उनका कहना है कि अगर उन्हें जल्द न्याय नहीं मिला तो वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाने पर मजबूर होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपने जीवन की अंतिम अवस्था में न्याय चाहिए, क्योंकि यह केवल उनकी जमीन नहीं, बल्कि उनकी इज्जत और आत्मसम्मान का मामला है।

 

स्थानीय लोगों ने की कार्रवाई की मांग

 

स्थानीय निवासियों ने भी प्रशासन से इस मामले में शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि इस उम्र में किसी विधवा महिला के साथ ऐसा व्यवहार करना कानूनी और सामाजिक दोनों दृष्टियों से गलत है।

 

कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले को महिला उत्पीड़न की श्रेणी में रखते हुए महिला आयोग और वरिष्ठ अधिकारियों से हस्तक्षेप की अपील की है।

 

कानूनी पहलू और न्याय की है उम्मीद

 

कानूनी जानकारों के अनुसार, यदि आरोप सत्य पाए जाते हैं, तो यह मामला धोखाधड़ी, दस्तावेजों की जालसाजी, धमकी और उत्पीड़न से संबंधित है। IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 और 468 (फर्जी दस्तावेज), 471 (फर्जी दस्तावेज का प्रयोग), 506 (धमकी), और 384 (उगाही) जैसी धाराएं इस पर लागू हो सकती हैं।

 

इस प्रकार के मामलों में वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर भी सवाल उठते हैं। प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि कमला देवी जैसी पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय मिले ताकि समाज में एक सकारात्मक उदाहरण स्थापित हो।

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