कानपुर

 

अधिवक्ताओं ने पुलिस कार्रवाई के विरोध में बांधी काली पट्टी, आगे की कार्रवाई की दी चेतावनी

 

 

कानपुर। कानपुर पुलिस पर अधिवक्ताओं के खिलाफ ‘फर्जी मुकदमे’ दर्ज करने और ‘छापामार कार्यवाही’ करने के आरोपों के बीच, शहर के वकीलों ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया। लायर्स एसोसिएशन के आह्वान पर सैकड़ों अधिवक्ताओं ने कचहरी परिसर में हाथों पर काली पट्टी बांधकर न्यायिक कार्य किया और पुलिस की कार्रवाइयों के खिलाफ अपना रोष जताया।

 

लायर्स एसोसिएशन के महामंत्री राजीव यादव ने आरोप लगाया, “कानपुर में कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने के बाद से ही पुलिस लगातार अधिवक्ताओं के खिलाफ फर्जी मुकदमे और बिना जांच के सख्त कार्यवाही कर रही है। पुलिस की उगाही और मनमानी के बीच अधिवक्ता ही एकमात्र सशक्त बाधा हैं, इसीलिए उन्हें डराने की कोशिश की जा रही है। लेकिन अधिवक्ता न तो कभी दबे हैं और न ही डरे हैं।”

 

इससे पहले, संगठन के पदाधिकारियों ने कचहरी परिसर स्थित मस्जिद के बाहर एकत्रित होकर सभी अधिवक्ताओं से इस विरोध में शामिल होने और एकजुटता दिखाने की अपील की थी। इस अपील का व्यापक असर दिखा और सैकड़ों की संख्या में वकील हाथों पर काली पट्टी बांधे एकजुट नजर आए।

 

लायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश चंद्र वर्मा ने बताया कि यह विरोध पुलिस प्रशासन द्वारा उनकी मांगों को नजरअंदाज करने के कारण है। उन्होंने कहा, “अधिवक्ताओं पर हो रहे उत्पीड़न के विरोध में हमने दो दिन पहले ही शताब्दी गेट पर धरना देकर पुलिस आयुक्त को ज्ञापन सौंपा था। हमने फर्जी मुकदमे वापस लेने और छापामार कार्यवाही बंद करने की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।”

 

वर्मा ने चेतावनी देते हुए कहा, “यदि हमारी मांगों पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया, तो हम सभी अधिवक्ता संगठनों की एक बैठक बुलाकर आगे की रणनीति तय करेंगे। ऐसी स्थिति के लिए कानपुर पुलिस प्रशासन स्वयं जिम्मेदार होगा।”

 

इस विरोध प्रदर्शन से कचहरी का कामकाज प्रभावित हुआ और अधिवक्ताओं के गुस्से ने पुलिस और वकीलों के बीच चल रहे तनाव को एक बार फिर उजागर कर दिया है।

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