मूल्य निर्माण से राष्ट्र निर्माण के लिए संपन्न हुआ वंदनम 2025

 

कानपुर रविवार। हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान कानपुर द्वारा भारतीय संस्कृति मूल्य शिक्षा और समाज के हर वर्ग की सेवा के विस्तार के लिए संपन्न हुआ वन्दनम 2025 । कार्यक्रम की मूल अवधारणा मातृ पितृ वंदन, आचार्य (गुरु) वंदन एवं अतिथि वंदन की संकल्पना को आज पं. दीनदयाल उपाध्याय सनातन धर्म विद्यालय नवाबगंज के विशाल सभागार में साकार रूप प्रदान करते हुए समाज के प्रतिष्ठित परिवारों के बच्चों के द्वारा उनके माता-पिता का पूजा वंदन, विभिन्न विद्यालयों से आए हुए छात्रों के द्वारा उनके आचार्यों(गुरुओं) का वंदन एवं कार्यक्रम में पधारे हुए अतिथियों का परिचय एवम वंदन हिंदू आध्यात्मिक सेवा संस्थान कानपुर महानगर के महासचिव नवेन्दु शुक्ला जी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में जयपुर से आए हिंदू आध्यात्मिक सेवा संस्थान के अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं प्रसिद्ध समाजसेवी सोमकांत,संस्थान के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के अध्यक्ष व काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति शिक्षाविद प्रोफेसर गिरीश त्रिपाठी,भवानी भीख प्रान्त संघ चालक, डॉ. श्याम बाबू गुप्त विभाग संघ चालक, आशीष त्रिपाठी,अमरनाथजी, नवेन्दु शुक्ल,संजीव दीक्षित,सुनील कटियार, कर्नल बी.एस. राठौड़, डॉ. के एल वर्मा सुष्मित मिश्रा, उमेश निगम, डॉ. शैलेन्द्र द्विवेदी, प्रो. मनोज प्रजापति, आचार्य कालीचरण दीक्षित उपस्थित रहे।कार्यक्रम का मूल भावना भारतीय संस्कृति में मानव निर्माण पर विशेष बल दिया गया है। सोमकांत द्वारा वंदन का वैज्ञानिक कारण भी बताया गया और कहा गया कि मानव शरीर में सिर उत्तरी ध्रुव व पांव दक्षिणी ध्रुव माना गया है। चुंबकीय ऊर्जा हमेशा इसी उत्तर से दक्षिण अपना चक्र पूरा करती है, और पैरों में ऊर्जा का केंद्र बनता है। इसलिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण की माने तो चरण स्पर्श से हमें दिव्य शक्ति प्राप्त होती है। यह एक प्रकार का योग भी है। वंदन से रीढ़, जोड़ो, सर का रक्त प्रवाह ठीक रहता है, शरीर में लचीलापन बना रहता है। संयमित और सभ्य होने के साथ अहंकार खत्म हो जाता है। इसलिए हमेशा माता-पिता एवं गुरु को वंदन करना चाहिए। मनुस्मृति में भी लिखा है कि नियमित माता-पिता एवं गुरुओं की वंदना करने से आयु, विद्या, यश और बाल में वृद्धि होती है। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संस्थान के पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र द्विवेदी, राहुल मिश्रा, चंद्रप्रकाश पांडेय, विवेक शर्मा, प्रमोद पांडे, शैलजा रावत, विपिन शुक्ला प्रोफेसर सी. एल. मौर्य, भानु सिंह, मंजू जोशी, मीना त्रिवेदी, रेखा शुक्ला, सुनील वर्मा, वैभव गुप्ता, विशाल, भार्गव, सुनील कुमार शुक्ला, नीरज तिवारी, विनय, अंकित, निखिल सचान, ज्योति शुक्ला, आदित्य, अवधेश कटियार, गौरव द्विवेदी, शरद जी समेत कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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