कानपुर की *मुदिता मिश्रा* ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित *असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा* में चयनित होकर अपने शहर का गौरव बढ़ाया है। वर्तमान में मुदिता छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय से हिंदी विषय में शोधरत हैं। उनका पीएचडी का शोध-विषय ‘मॉरीशस में हिंदी भाषा का विकास’ है।
मुदिता ने स्नातक एवं परास्नातक की डिग्रियाँ स्थानीय *पीपीएन कॉलेज, कानपुर* से तथा स्कूली शिक्षा *बीएनएसडी शिक्षा निकेतन, कानपुर* से प्राप्त की है। वह युवा संसद की *प्रथम विजेता* रही हैं और उन्हें संसद में माननीय प्रधानमंत्री जी के समक्ष ‘वोकल फ़ॉर लोकल’ विषय पर संबोधन करने का गौरव प्राप्त हुआ है। मुदिता की वक्तृत्व-कला और उनके प्रभावशाली विचारों को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिली है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने उनके वक्तव्य के वीडियो को ट्वीट करते हुए उनकी अभिव्यक्ति-शैली और विषय की गहराई की विशेष प्रशंसा की थी। यह सम्मान मुदिता की प्रतिभा, आत्मविश्वास और युवा पीढ़ी की सशक्त आवाज बनने की क्षमता का प्रतीक है।
मिलेनियम वोटर के रूप में उन्होंने ‘नरेंद्रोदय से राष्ट्रोदय’ पुस्तक की रचना की, जो युवा वर्ग के बीच अत्यंत चर्चित और लोकप्रिय रही है। भाषण, वाद-विवाद, निबंध लेखन तथा अन्य रचनात्मक गतिविधियों में वह अब तक *लगभग 100 से भी अधिक पुरस्कार* जीत चुकी हैं।
मुदिता के पिता *डॉ. दिवाकर मिश्र* बीएनएसडी इंटर कॉलेज, कानपुर में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हैं, जबकि उनकी माता भारतीय जीवन बीमा निगम में सेवारत हैं। उनकी बड़ी बहन *कृतिका मिश्रा आईएएस अधिकारी* हैं।
बचपन से ही मुदिता शिक्षण-कार्य को अपना जीवन-ध्येय मानती रही हैं। समाज-निर्माण में शिक्षा की भूमिका को समझते हुए उन्होंने हमेशा युवाओं के बीच कार्य करने, उन्हें दिशा देने और उनके साथ मिलकर प्रगति की राह बनाने का सपना संजोया। वर्ष 2023 में परास्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करते ही उन्होंने बिना विलंब असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा दी, जिसका परिणाम अब उनके समर्पण, अथक परिश्रम और शिक्षा-जगत में योगदान देने के दृढ़ संकल्प को सार्थक सिद्ध कर रहा है।
मुदिता इसे अपना सौभाग्य मानती हैं कि मां गंगा की गोद से निकलकर मां नर्मदा के आंचल में बसे मध्य प्रदेश को अपनी कर्मभूमि बनाने का अवसर उन्हें मिला है। उनका कहना है कि भगवान महाकाल की पवित्र भूमि में कार्य करने का अवसर मिलना किसी दिव्य आशीर्वाद से कम नहीं है। साथ ही माँ पीतांबरा की आराध्या भूमि और ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं पौराणिक वैभव से भरे मध्य प्रदेश में योगदान देने की संभावना ने उन्हें अपार उत्साह और गर्व से भर दिया है। मध्य प्रदेश में अपनी नई भूमिका को लेकर मुदिता अत्यंत प्रसन्न एवं कृतज्ञ हैं।
मुदिता मिश्रा की इस उपलब्धि से न केवल परिवार, बल्कि पूरा कानपुर गौरवांवित है।
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के उप कुलपति डॉ विनय पाठक तथा पंडित पृथी नाथ पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ अनूप कुमार सिंह ने मुदिता की इस उपलब्धि पर उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।
