दिनांक १८ जून २०२३
कानपुर। आज चन्द्रशेखर आजाद जनकल्याण समिति द्वारा वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर रावतपुर तिराहा स्थिति वीरांगना की प्रतिमा स्थल पर “स्वतन्त्रता संग्राम मे नारियों की भूमिका” विषय कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के पूर्व वीरांगना की प्रतिमा की सफाई धुलाई कर माल्यार्पण किया। समिति के कार्यकर्ताओं ने पुष्प अर्पितकर उनकी वीरता को नमनकर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये। कार्यक्रम के संयोजक राकेंद्र मोहन तिवारी ने रानी लक्ष्मीबाई के शौर्य व साहस की प्रशन्सा कर नारियों के लिए एक उदाहरण बताया। सेनानी परिवार के श्री कृष्ण कांत अवस्थी ने कहाकि देश को स्वाधीन कराने मे नारियों का योगदान पुरुषों से कम नही रहा है जिनमें रानी लक्ष्मीबाई की अहम भूमिका थी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वेश कुमार पांडेय निन्नी ने रानी के चरणों मे नतमस्तक कर कहाकि रानी के रणकौशल और सेना का पूरी वीरता और कुशलता से नेतृत्व करना अपने आप मे अद्भुद था, जिसकी प्रशन्सा खुद अंग्रेज के एक बड़े अधिकारी ने थी। निन्नी ने कहाकि रानी का बाल्यकाल बिठूर में नाना साहब पेशवा, ज्वाला सिंह, अजीमुल्ला खां, तात्याटोपे के सानिध्य मे बीता था वही उन्होंने शस्त्र विद्या मे निपुड़ता सीखी थी।
देश को आजाद कराने में एक रानी लक्ष्मीबाई ही नहीं अन्य महिलाएं रानी दुर्गावती, झलकारीबाई, अजीजनबाई, दुर्गा भाभी, बीनादास आदि अनेक नारियों ने संघर्ष करते हुए ब्रितानी हुकुमत के छक्के छुड़ा दिये थे। मगर अफसोस है कि स्वार्थों के आगे उन्हें व उनके योगदान को भूल दिया गया। कार्यक्रम में श्यामदेव सिंह, तिलक चंद्र कुरील, बी. डी. जायसवाल, डा. सुशील श्रीवास्तव, कमरुद्दीन, अरविंद शर्मा आदि थे।
राकेंद्र मोहन तिवारी
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