विलादत खानए काबा शहादत मस्जीदे कूफा
ना ऐसी इब्तेदा देखी ना ऐसी इंतेहा देखी
कानपुर,शेरे खुदा सकीये कौसर या सुबुदीन फताहे खेबरो खंदक वालिदे हसनैन दमादे रसूल के जन्म दिन के अवसर पर अंजुमन रिजविया की जानिब से विशाल भंडारे और मिष्ठान वितरण किया गया, आपको बता की हजरत अली ने समाज में सामान्य न्याय के लिए अपना पूरा जीवन व्यतीत किया, हजरत अली ने उस वक्त के हालातो जिस समय लड़कियों को जिदा दफन कर दिया और इसी के साथ गुलामी की प्रथा आम थी जिसको उन्होंने समाप्त करने के लिए बीड़ा उठाया जिसमे उन्हें कामयाबी भी मिली, हजरत अली को उनके न्याय के लिए आज भी याद किया जाता है!इस मौके पर मसरूर हुसैन रिजवी, इब्ने हसन जैदी,आमोद त्रिपाठी,अनवर अली पार्षद फरहत हुसैन रिजवी, वेकार हुसैन जैदी, खुर्शीद जैदी, राशिद अली जैदी, जफरूल हुसैन रिजवी,नवाब मुमताज हुसैन रिजवी, इसरार हुसैन जैदी, मोहमद हसन जैदी,अनवर जैदी, हसन रज़ा,मोहमद हुसैन,ईशान हैदर, नकी हैदर, मौलाना कम्बर हुसैन,मौजूद रहे