शादी में फिजूलखर्ची से बचने व दहेज़ न लेने का संकल्प लिया

कानपुर , खानकाहे हुसैनी के ज़ेरे एहतिमाम रसूल ए खुदा के दामाद, इस्लाम के चौथे खलीफा, शेर ए खुदा हज़रत मौला अली (रजि०अ०) और हज़रत ख़्वाजा सैय्यद मोईनुद्दीन चिश्ती ग़रीब नवाज़ (रह० अलै०) का जशन ए विलादत परम्परागत ढंग से धूम-धाम, शान ओ शौकत, अकीदत के साथ खानकाहे हुसैनी हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह (रह०अलै०) की दरगाह कर्नलगंज ऊँची सड़क मे मनाया गया व शादी में फिजूलखर्ची से बचने व दहेज़ न लेने का संकल्प लिया गया।फज़िर की नमाज़ के बाद कुरानख्वानी का एहतिमाम किया गया दोपहर 2 बजे जशन ए विलादत की शुरुआत तिलावते कुरान ए पाक से हुई, शोरा कराम ने मौला अली व गरीब नवाज़ की शान में नात मनकबत पेश की।दरुदों सलाम का नज़राना पेश कर नज़र मौला अली करम अल्लाह वजहू व गरीब नवाज़ होने के बाद हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह के दरगाह की गुलपोशी, इत्र संदल पेशकश नारे हैदरी या अली या अली हक़ मोईन या मोईन के नारे बुलंद किये। मौला अली व गरीब नवाज़ का दस्तरख्वान पेश किया गया खानकाह में रखे पंजतन पाक की जियारत कराई गयी उसके बाद दुआ हुई।दुआ मे खादिम खानकाहे हुसैनी ने अल्लाह की बारगाह मे मदीने वाले आक़ा, हज़रत अली, गरीब नवाज़ के सदके मे हम सबको हज़रत अली, गरीब नवाज़ के बताए हुए रास्तों पर चलने, नमाज़ की पाबंदी करने, हम सबके गुनाहों को माफ करने, हमारे मुल्क सूबे व शहर मे अमनो अमान कायम कर तरक्की देने, मासूम बच्चों बहू-बेटियों के साथ वहशी हरकत करने वालों को तबाह-बर्बाद करने की दुआ की व शादी में फिजूलखर्ची से बचने व दहेज़ न लेने का संकल्प लिया। दुआ के बाद खानकाहे हुसैनी के बाहर राहगीरों को लंगर, मिष्ठान व चाय का वितरण किया गया। लंगर सभी धर्म के लोगों ने चखा लंगर रात तक चलता रहा। नारे हैदरी, हिंदुस्तान ज़िंदाबाद हक़ मोईन या मोईन के नारे लंगर वितरण के दौरान लगते रहे।जशन मे अफज़ाल अहमद, इखलाक अहमद चिश्ती, मोहम्मद मुनीर खान कादरी, हाफिज़ शरीफ अहमद उवैसी, मौलाना फाज़िल हुसैन अज़हरी, हाफिज़ मोहम्मद हसीब, सूफी मोईनउद्दीन चिश्ती, हाफ़िज़ मोहम्मद अरशद, इरफान उल्लाह मुशाहिदी, हाजी गौस रब्बानी, हाफ़िज़ कफील हुसैन, अबरार अहमद वारसी, परवेज़ आलम वारसी, मोहम्मद शाहिद चिश्ती, मोहम्मद अनवार खान, फाजिल चिश्ती, मोहम्मद फैज़ान अज़हरी, मोहम्मद आमिर इशकी, मोहम्मद मुबीन खान, मोहम्मद ज़ुबैर सकलैनी, अदनान खान, मोहम्मद रज़ा खान, शारिक वारसी, परवेज़ आलम, सैय्यद मोहम्मद तलहा, इस्लाम चिश्ती, निज़ाम कुरैशी, मोहम्मद इलियास, मोहम्मद फरीद, अयाज़ चिश्ती, एजाज़ अहमद, हिफज़ान खान, आफताब अहमद, मोहसिन अहमद, शफाअत हुसैन, हबीब बादशाह, मोहम्मद जावेद कादरी, सरफराज अहमद, मोहम्मद ज़ुबैर कादरी, जमालुद्दीन, हाजी मोहम्मद मुनव्वर, फ़ैज़ अजीज़ी, शहनवाज़ कादरी, जलील खान, शमशुद्दीन, मोहम्मद शारिफ खान, मोहम्मद समीर आदि लोग मौजूद थे।

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